बीजापुर : सडक़ निर्माण में लगे आधा दर्जन वाहनों को नक्सलियों ने किया आग के हवाले
बीजापुर : बीती रात नक्सलियों ने जिले में जमकर उत्पात मचाते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज कराया है । जहाँ बीजापुर आवापल्ली मार्ग पर धारावरम के पास पेड़ काट कर मार्ग अवरुद्ध कर दिया है वही दूसरी ओर पुसगुड़ी में पीएमजीएसवाइ सडक़ निर्माण में लगे 6 वाहनों को आग के हवाले कर दिया है ।
नक्सलियों ने जिले में जमकर उत्पात मचाते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज कराया है
प्राप्त जानकारी के अनुसार मोदकपाल थाना क्षेत्र के पुसगुड़ी में स्थानीय ठेकेदार द्वरा पीएमजीएसवाइ की सडक़ का निर्माण कराया जा रहा था । बीती रात लगभग 11 बजे 20 से 25 की संख्या में नक्सली अचानक ठेकेदार के केम्प में पहुंच कर निर्माण कार्य मे लगे एक जेसीबी, एक रोड रोलर और चार ट्रेक्टर कुल 6 वाहनों को आग के हवाले कर दिया है, जिसके बाद नक्सलियों ने ठेकेदार के कर्मचारियों को कम नही करने की धमकी देकर वहाँ से चले गए । इस घटना की मोदकपाल थाना में रिपोर्ट दर्ज कर लिया गया है ।
रायपुर : कमल विहार पीडि़तों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री छग को कलेक्टर के माध्यम से सौंपा ज्ञापन
रायपुर : कमल विहार पीडि़त मंच का एक प्रतिनधि मंडल भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नाम पर ज्ञापन कलेक्टर रायपुर की अनुपस्थिति में एडीएम डॉ. रेणुका श्रीवास्तव को सौंपा। ज्ञापन में पीडि़तों ने अपनी प्रमुख मांगों से अवगत कराया एवं न्याय दिलाने की मांग की। रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा वर्ष 2009-10में कमल विहार योजना के अंतर्गत गरीब एवं मध्यम वर्गीय किसानों की निजी जमीन अधिग्रहित इस शर्त पर की गई कि उनकी जमीन को विकसित कर मात्र 35 प्रतिशत जमीन दी जाएगी।
ज्ञापन कलेक्टर रायपुर की अनुपस्थिति में एडीएम डॉ. रेणुका श्रीवास्तव को सौंपा
कुछ भूमि स्वामियों ने जिसमें रोहित शुक्ला प्रकाश दावड़ा अन्य द्वारा छग उच्च न्यायालय में कमल विहार योजना को अवैध घोषित करने याचिका दायर की जिसे छग उच्च न्यायालय ने अमान्य कर दिया जिससे प्रभावित होकर याचिकाकर्ताओं ने उच्चतम न्यायालय में भी अपील दायर की जिस पर सन 2014 में उच्चतम न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं की अधिग्रहणकी गई जमीन रद्द कर पूरी जमीन वापस करने का आदेश दिया एवं उन्हें जमीन वापस कर दी गई एवं अन्य भूमि स्वामी उच्च न्यायालय में याचिका दायर नहीं किए थे
अधिग्रहणकी गई जमीन रद्द कर पूरी जमीन वापस करने का आदेश
उन्हें उच्चतम न्यायालय के निर्देश अनुसार 35 प्रतिशत विकसित प्लाट एवं बचत 65 प्रतिशत भूमि का मुआवजा देने का निर्देश एवं मार्गदर्शन रायपुर विकास प्राधिकरण को दिया। यह है कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय के चार साल बीत जाने के बाद भी पीडि़त भूमि स्वामियों को आज दिनांक तक भूमि को विकसित कर 35 प्रतिशत भूमि नहीं दी जा रही है। रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा सैंकड़ों भूमि स्वामियों से उनकी भूमि अधिग्रहण करने के पश्चात एग्रीमेंट पार्ट एक की रजिस्ट्री की गई परंतु उनके साथ आज चार साल बीत जाने के बाद भी एग्रीमेंट पार्ट दो निश्चयात्मक अनुबंध नहीं किया गया और न ही उस सेक्टर का विकास कार्य ही किया जा रहा है।
35 प्रतिशत विकसित प्लाट एवं बचत 65 प्रतिशत भूमि का मुआवजा देने का निर्देश
पीडि़त भूमि स्वामियों का प्लांट अधिग्रहण करने से भूमि स्वामी बेघरबार हो गए, किसान खेती से वंचित हो गए है। इससे प्रभावित होकर सैंकड़ों भूमि स्वामी विगत चार वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं परंतु उन्हें आरडीए द्वारा मात्र आश्वासन ही मिलता है। उनके हक की भूमि एवं मुआवजा नहीं मिल रहा है। इससे पीडि़त भूमि स्वामियों ने उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की जिस पर माह अक्टूबर 2017 को छग उच्च न्यायालय को रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा एक हलफनामा प्रस्तुत कर शीघ्रता -शीघ्र उन्हें 35 प्रतिशत विकसित भूमि देने का आश्वासन दिया। परंतु आज 6 माह बीत जाने के बाद भी न तो एंग्रीमेंट पार्ट दो निश्चयात्मक अनुबंध किया गया और न ही आज दिनांक तक भूमि आबंटित की गई और न ही बचत भूमि 65 प्रतिशत भूमि का मुआवजा निश्चित कर भुगतान नहीं किया जा रहा है।