नारायणपुर में 22 नक्सलियों ने छोड़ा हिंसा का रास्ता, विकास में देने का वादा

रायपुर। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में शुक्रवार को बड़ा घटनाक्रम हुआ। जिले के अलग-अलग हिस्सों में सक्रिय 22 नक्सलियों ने हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। इनमें 14 पुरुष और 8 महिलाएं हैं। खास बात यह है कि इन सभी पर कुल 37 लाख 50 हजार रुपए का इनाम था।
ये नक्सली अबूझमाड़ और इंद्रावती एरिया कमेटी के तहत कई वारदातों में सक्रिय रहे थे। पुलिस और सुरक्षा बलों की लगातार दबिश, नए कैंपों की स्थापना और मुठभेड़ों के डर ने उन्हें आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया। पुलिस का दावा है कि आत्मसमर्पण करने के बाद सभी ने सरकार के साथ विकास कार्यों में सहयोग करने का संकल्प लिया है।
अलग-अलग इलाकों में थे सक्रिय
ये नक्सली संगठन के कई बड़े नेताओं के साथ मिलकर ग्रामीण इलाकों में सक्रिय थे। इनमें कुछ ऐसे भी हैं जो गांवों में मीटिंग बुलाते, खाना-पानी का इंतजाम करते, स्कूल तोड़ने, सड़क काटने और IED लगाने जैसे कामों में शामिल थे।
नारायणपुर SP रॉबिनसन गुड़िया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह पुलिस के लिए बड़ी कामयाबी है। उन्होंने कहा कि लगातार चल रहे ऑपरेशनों और सरकार की पुनर्वास नीति ने असर दिखाया है। SP ने बताया— “इन लोगों ने अपनी भलाई के लिए हिंसा का रास्ता छोड़ा है। घर और रोजगार जैसी योजनाओं ने इन्हें आकर्षित किया है।”
इन पर था कितना इनाम?
मनकू कुंजाम (DVCM) – 8 लाख रुपए
हिड़मे कुंजाम और पुन्ना लाल (ACN रैंक) – 5-5 लाख रुपए
मासे पोयाम, फूलमती, वंजे, सुंदरी समेत अन्य – 1-1 लाख रुपए
कुछ नक्सली – 50-50 हजार रुपए इनामी
मुख्यमंत्री ने दी प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसे सरकार की नीति की सफलता बताया। उन्होंने कहा—
“लोग अब बंदूक छोड़कर विकास की राह पर साथ चलना चाहते हैं। हमारी सरकार में अब तक 1476 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। यह हमारी आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति 2025 और जनकल्याणकारी योजनाओं की सकारात्मकता का प्रमाण है।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि योजनाओं ने लोगों के दिल में विश्वास जगाया है और सरकार आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास के लिए संकल्पित है।