दुर्ग में ‘हाफ बिजली बिल’ योजना खत्म करने पर कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन

रायपुर। छत्तीसगढ़ में ‘हाफ बिजली बिल’ योजना के बदलाव ने सियासी माहौल गर्मा दिया है। दुर्ग जिले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस फैसले के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए बिजली विभाग के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश ठाकुर के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने बिजली विभाग के बाहर पुतला दहन कर लालटेन सौंपते हुए सरकार को ‘अंधकार की ओर ले जाने’ का प्रतीकात्मक संदेश दिया।
“जनता की जेब पर हमला” – कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया
राकेश ठाकुर ने इस मौके पर कहा, “छत्तीसगढ़ की सरप्लस बिजली और कोयले पर अब दिल्ली के उद्योगपतियों की नजर है। प्रदेश की जनता पर सौर उपकरण लगाने का दबाव बनाया जा रहा है जबकि असलियत ये है कि यहां की बिजली और कोयला अडानी जैसे पूंजीपतियों को बेचा जा रहा है।”
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार प्रदेश की प्राकृतिक संपदाओं – जंगल, जमीन, कोयला और बिजली – को निजी हाथों में सौंप रही है और आम जनता को महंगी बिजली का बोझ झेलने पर मजबूर कर रही है।
20 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं पर असर
पूर्व विधायक अरुण वोरा ने बताया कि हाफ बिजली बिल योजना की समाप्ति से 20 से 22 लाख उपभोक्ता सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। उन्होंने केंद्र की ‘पीएम सूर्याघर योजना’ को अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि यह आम लोगों के लिए न तो सुलभ है और न ही उपयोगी।
लाभकारी योजनाओं पर कैंची चल रही है
प्रदर्शन में शामिल वक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को भाजपा सरकार एक-एक कर बंद कर रही है। स्मार्ट मीटर और बढ़ी हुई बिजली दरों ने आम आदमी की जेब पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है।
प्रदर्शन में पूर्व विधायक प्रतिमा चंद्राकर, अरुण वोरा, राजेंद्र साहू, नासिर खोखर और धीरज बाकलीवाल समेत सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में मांग की कि हाफ बिजली बिल योजना तुरंत बहाल की जाए और बिजली दरों में की गई बढ़ोतरी वापस ली जाए।