तब उस ऐक्ट्रेस ने पीरियड में रो-रोकर बारिश का गाना शूट किया: अक्षय कुमार
फिल्म इंडस्ट्री: में खिलाड़ी कुमार के नाम से मशहूर अक्षय कुमार एक लंबे अरसे से फिल्मों के जरिए विविधता परोसते आ रहे हैं, मगर पिछले कुछ समय से देशभक्ति और सामाजिक सरोकारवाली फिल्मों की ओर उनका झुकाव ज्यादा नजर आ रहा है। गब्बर, एयरलिफ्ट, रुस्तम, जॉली एलएलबी 2 और टॉइलट एक प्रेम कथा के बाद इन दिनों वे चर्चा में हैं, अपनी नई फिल्म पैडमैन को लेकर। इस मुलाकात में वह हमारे साथ फिल्म, माहवारी, पद्ममावत से होनेवाले क्लैश, पत्नी ट्विंकल और अपनी कामयाब शादी के टिप्स साझा कर रहे हैं:
पद्मावत से पैडमैन के क्लैश के बारे में क्या कहना चाहेंगे?
मैं एक बात साफ करना चाहता हूं कि अगर पद्मावत, पैडमैन के साथ प्रदर्शित नहीं भी हो रही होती, तब भी हमने 2,300 से ज्यादा स्क्रीन्स पर इसे रिलीज नहीं करना था। मुझे अब भी उतने ही स्क्रीन मिल रहे हैं, तो कोई समस्या ही नहीं है। यह जो क्लैश लफ्ज है न, इसे क्रिएट किया गया है। उनके मुकाबले में मेरी फिल्म छोटी है, जिसका बजट सिर्फ 20-21 करोड़ है। सुनने में आया है कि उनका बजट 190 करोड़ रुपये है। मुझे तो 60 करोड़ कमाने हैं। उसके बाद फिल्म हिट ही हिट है। मेरे लिए तो फिल्म प्रदर्शित होने से पहले ही सफल हो गई है।
आप खुद एक निर्माता हैं। पद्मावत विवाद पर आप क्या कहना चाहेंगे?
मैंने तो फिल्म देखी नहीं है। मैं उस पर कोई कॉमेंट नहीं करना चाहता।
आपकी फिल्म प्रदर्शन से पहले ही कामयाब हो चुकी है। कैसे?
मैं पैडमैन को नफे-नुकसान की दृष्टि से नहीं देख रहा हूं। मेरी फिल्म पहले ही हिट हो चुकी है इसलिए कहा कि एक अदाकार होने के नाते मैं और एक पत्रकार के रूप में आप अगर हम मेन्स्ट्रअल हाइजीन और सैनिटरी पैड की बात कर रहे हैं, तो यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है। मुझे इस बात की चिंता नहीं है कि यह फिल्म कितना व्यवसाय करेगी। आज सोशल मीडिया पर मर्द भी माहवारी और सैनिटरी पैड से जुड़ी बातें कर रहे हैं। कई लोग मेरी बुराई भी कर रहे हैं कि छि छि अक्षय के क्या दिन आ गए हैं, जो सैनिटरी पैड पर फिल्म बना रहा है, मगर मैं कहता हूं कि अच्छी या बुरी आज कम से कम इस मुद्दे पर चर्चा तो हो रही है। हमें अपने घर के बेटों को भी इस मुद्दे के बारे में बताना होगा। जैसे आप अपने पिता या भाई से सर्दी-खांसी की दवा मंगाते हैं, अगर उसी सहजता से उनसे सैनिटरी पैड मंगवाने लगें, तब जाकर समाज में एक सकारात्मक बदलाव आएगा। हमें यह समझना होगा कि माहवारी सर्दी-बुखार की तरह एक मेडिकल अवस्था है। जिस कोख से बच्चा पैदा होता है, जिस माहवारी से बच्चे का जन्म होता है, आपको उसके बारे में बात नहीं करनी है, मगर बच्चे पैदा करने का जश्न जरूर मनाना है।
कामयाब शादी के लिए क्या टिप्स देना चाहेंगे?
शादी के मामले में मैं एक ही फंडे में यकीन करता हूं, जियो और जीने दो। मैं अपनी पत्नी पर किसी भी तरह का दबाव नहीं डालता। उसको अगर लेखक बनना है, तो वह बेशक बने। उसे यदि इंटीरियर डिजाइनिंग करनी हो, तो खुशी-खुशी करे। फिल्मों को अलविदा कहने का निर्णय भी उसी का था। वह भी मुझपर किसी बात को लेकर दबाव नहीं डालती। उसे मेरी कई स्क्रिप्ट्स पसंद नहीं आतीं, मगर वह सिर्फ एक बार उनपर अपनी असहमति जाहिर करती है। हमारे रिश्ते में जो खुलापन है, वह हमारी शादी को कामयाब बनाता है।
एक समय आपकी इमेज कैसनोवा की रही है, मगर कई सालों से आपकी लिंकअप्स की खबरें नहीं आईं? क्या आपको कभी प्रलोभन नहीं सताता?
फिल्मों में आने से पहले मैंने जितनी नाइट लाइफ देखी, मुझे नहीं लगता कि किसी और ने देखी होगी। मैं पूरे 5 साल तक बैंकॉक में अकेला था और आप जानती ही हैं कि बैंकॉक अय्याशी का गढ़ मान जाता है। मैंने खूब मजे किए। वहां मैंने चुंधियाने वाली रोशनियों और शोरवाले संगीत के बीच इतनी मौज उड़ाई कि उसका आकर्षण नहीं रहा। फिर जब मैं यहां फिल्मों में आया, तो शादी के पहले यहां भी इतने मजे कर लिए कि बोर हो गया।
सारागढ़ी पर आधारित आपकी आगामी फिल्म केसरी जैसे विषय पर राजकुमार संतोषी भी फिल्म बना रहे हैं। इसी विषय पर छोटे परदे पर धारावाहिक का प्रसारण चल रहा है।
बनाने दीजिए। जिसका जो दिल चाहे, वह बना सकता है। हमने अभी फिल्म का महज एक शेड्यूल पूरा किया है, मगर मैं इतना कह सकता हूं कि इस फिल्म में मेरा पैशन और पैसा दोनों लगा है। मैं अपनी स्क्रिप्ट और अपनी भूमिका को लेकर संतुष्ट हूं।
आपको माहवारी जैसे संवेदनशील मुद्दे के बारे में कब जानकारी हुई?
मैं जब 20 साल का था, तब पहली बार मैंने पहली बार माहवारी के बारे में सुना, मगर इससे जुड़े दिल दहला देनेवाले तथ्यों से मैं तकरीबन 2 साल पहले वाकिफ हुआ, मगर मैं अपने बेटे से इस बारे में चर्चा कर चुका हूं। पीरियड्स के प्रति लोगों की धारणाएं बदलनी बहुत जरुरी है। हाल ही में मैंने एक खबर पढ़ी थी कि किसी स्कूल की नाबालिग लडक़ी ने इसलिए आत्महत्या कर ली क्योंकि स्कर्ट पर लगे पारियड्स के धब्बे की वजह से स्कूल में उसका मजाक बनाया गया था। यह केवल देश की ही समस्या नहीं है, घाना की बात करें तो वहां एक नदी है जिसे रिवर ऑफ गॉडेस के नाम से पूजा जाता है। पीरियड्स के दौरान महिलाओं को वह नदी क्रॉस करने की मनाही है। एक और किस्सा सुनाता हूं जो मुझसे जुड़ा है। ऐक्टिंग करियर के शुरुआती दिनों में जब मैं एक फिल्म कर रहा था तो मेरे अपॉजिट एक 14 साल की अभिनेत्री थीं। उन्हें सेट पर ही पहली बार पीरियड्स हो गए थे। ऐसे में जब उस अभिनेत्री की मां ने प्रड्यूसर से अपनी बेटी की छुट्टी की गुहार लगाई तो प्रड्यूसर ने उनकी एक भी नहीं सुनी और उससे बारिश का सीच्ेंस शूट करवाया। उस अभिनेत्री ने पीरियड्स में रोते हुए बारिश का सीन शूट किया था। मेरी औकात उस वक्त ऐसी नहीं थी कि मैं शूटिंग रुकवा सकूं। वह कहते हैं न आपका किया हुआ लौटकर आपके पास ही आता है। फिल्म बुरी तरह से पिट गई। मुझे लगता है अब समय आ गया है कि लोग अपनी मानसिकता बदलें।