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छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बड़ा बदलाव संभव: दो कार्यकारी अध्यक्षों के फॉर्मूले पर मंथन, टीएस सिंहदेव की ताजपोशी की अटकलें फिर तेज

रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट फिर से तेज हो गई है। विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद और कांग्रेस को आक्रामक बनाने के लिए कांग्रेस हाईकमान अब संगठन में बड़े बदलाव की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी जल्द ही नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर सकती है, और इसके साथ ही दो कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए जाने की संभावना भी जताई जा रही है।

टीएस सिंहदेव की वापसी संभव, दो कार्यकारी अध्यक्षों का नया फार्मूला

बताया जा रहा है कि अगर पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाता है, तो एक आदिवासी और एक ओबीसी नेता को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इससे पार्टी जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों में संतुलन साधना चाहती है।

कौन-कौन हैं रेस में?

आदिवासी वर्ग से:

इंद्र शाह मंडावी

लखेश्वर बघेल

अमरजीत भगत

ओबीसी वर्ग से:

रामकुमार यादव

अनुसूचित जाति (SC) वर्ग से शिव डहरिया की बढ़ती सक्रियता भी संकेत दे रही है कि वे भी संगठन में बड़ी भूमिका में आ सकते हैं।

कांग्रेस हाईकमान क्यों कर रहा है समीकरण साधने की कोशिश?

जातीय संतुलन: टीएस सिंहदेव सवर्ण समुदाय से आते हैं। इसलिए पार्टी एक आदिवासी और एक ओबीसी नेता को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर जातीय संतुलन बनाना चाहती है।
क्षेत्रीय संतुलन: सिंहदेव सरगुजा से हैं, ऐसे में बस्तर और मैदानी क्षेत्रों से कार्यकारी अध्यक्ष लाकर कांग्रेस सभी प्रमुख क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है।

वोटबैंक रणनीति: ओबीसी वर्ग छत्तीसगढ़ की राजनीति में सबसे बड़ा वोटबैंक है, जिसे साधे बिना सत्ता में वापसी मुश्किल है।

दीपक बैज की विदाई की चर्चा, विरोध से बचने की रणनीति

वर्तमान पीसीसी चीफ दीपक बैज आदिवासी वर्ग से हैं। अगर उन्हें हटाया जाता है, तो
आदिवासी वर्ग की नाराज़गी से बचने के लिए कांग्रेस एक मजबूत आदिवासी नेता को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर स्थिति को संतुलित करने की योजना बना रही है।

टीएस सिंहदेव का नाम सबसे आगे

दिल्ली से लेकर अंबिकापुर तक चर्चा है कि टीएस सिंहदेव को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। कांग्रेस आलाकमान इस पर गंभीर मंथन कर रहा है और जल्द ही छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बड़ा फैसला हो सकता है।

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