एक पौधे में बैंगन-टमाटर की खेती, सूरजपुर में ग्राफ्टेड सब्जी प्रशिक्षण से किसानों को नई ताकत

सूरजपुर जिले में खेती की तस्वीर बदलने वाली एक आधुनिक तकनीक तेजी से जगह बना रही है। अंतर-विशिष्ट ग्राफ्टिंग के जरिए अब एक ही पौधे में बैंगन और टमाटर जैसी सब्जियों का उत्पादन संभव हो रहा है। यह तकनीक न सिर्फ जैविक और अजैविक तनावों के प्रति पौधों की सहनशीलता बढ़ाती है, बल्कि सब्जियों की उत्पादकता में भी उल्लेखनीय वृद्धि करती है।
इसी दिशा में जिले में ग्राफ्टेड टमाटर, बैंगन और अन्य उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रशिक्षण अभियान शुरू किया गया है। इस पहल का उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ना और बढ़ती सब्जी मांग को पूरा करने में उन्हें सक्षम बनाना है।
अब तक किसानों को ग्राफ्टेड पौधों के लिए बाहरी एजेंसियों पर निर्भर रहना पड़ता था, जिससे लागत और समय दोनों बढ़ जाते थे। इस समस्या के समाधान के लिए जिला प्रशासन ने जिले में ही ग्राफ्टेड पौधे तैयार करने हेतु कौशल विकास आधारित माली प्रशिक्षण योजना लागू की है।
डीएमएफ निधि से उद्यानिकी विभाग को प्रशिक्षण के लिए राशि उपलब्ध कराई गई है। इसके तहत शासकीय उद्यान दतिमा (सूरजपुर विकासखंड) और शासकीय उद्यान खोरमा (प्रतापपुर विकासखंड) में 60 हितग्राहियों—किसानों और स्थानीय युवक-युवतियों—को निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
प्रशिक्षण के दौरान कटिंग, बडिंग और ग्राफ्टिंग जैसी तकनीकों का व्यावहारिक ज्ञान दिया जा रहा है। प्रशिक्षण पूर्ण होने पर लाभार्थियों को उद्यानिकी टूल-किट भी दी जाएगी, ताकि वे तुरंत स्वरोजगार की शुरुआत कर सकें।
यह कार्यक्रम जिले में रोजगार सृजन, उत्पादन वृद्धि और आत्मनिर्भरता की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ने के साथ स्थानीय युवाओं के लिए नए अवसर खुलेंगे।




