
दंतेवाड़ा : नक्सलियों ने बीती रात कामालूर रेलवे स्टेशन में पेड़ गिराकर यातायात ठप कर दिया। आज सुबह नक्सलियों ने इसी स्थल पर आईईडी ब्लास्ट कर निर्माण में संलग्र दो वाहनों को आग की लपटों में झोंक दिया। वारदातों के बाद मौके पर पहुंचे डीआरजी जवानों के साथ मुठभेड़ हुयी, जिसके बाद नक्सली भाग खड़े हुए।
नक्सलियों ने बीती रात कामालूर रेलवे स्टेशन में पेड़ गिराकर यातायात ठप कर दिया
दंतेवाड़ा के एडिशनल एसपी गोरखनाथ बघेल ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि रविवार को देर रात नक्सलियों ने दंतेवाड़ा के पंडेवार में एक पेड़ काटकर गिरा दिया था, जिसकी वजह से किरंदुल-विशाखापटमन रेलमार्ग बाधित हो गया था। सोमवार की सुबह डीआरजी के जवान रेलमार्ग पर गिरे पेड़ को हटाकर यातायात को सुचारु बनाने गए हुए थे। इसी दौरान सुबह 6 बजे के करीब वहां पहले से एम्बुश लगाकर बैठे नक्सलियों ने जवानों पर हमला बोल दिया। डीआजी के जवानों ने भी नक्सलियों को माकूल जवाब देना शुरू किया ही था कि नक्सलियों ने आईईडी विस्फोट कर दिया।
सुबह डीआरजी के जवान रेलमार्ग पर गिरे पेड़ को हटाकर यातायात को सुचारु बनाने गए हुए थे
उधर डीआजी के जवानों ने भी नक्सलियों ओर ताबड़तोड़ हमला बोल दिया। पुलिस को भारी पड़ता देख नक्सली भाग खड़े हुए। हालांकि जाते-जाते नक्सलियों ने कामालूर रेलवे स्टेशन पर खड़ी एक जेसीबी और एक ट्रेलर को आग के हवाले कर दिया।नक्सलियों ने जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए 3 आईईडी बिछा रखे थे, लेकिन वे एक ही आईईडी में विस्फोट कर पाए। मुठभेड़ के बाद सर्चिंग के दौरान सशस्त्र बल के जवानों ने घटनास्थल से वाकी टाकी सेट बरामद किया है।
2 ) बीजापुर : नक्सलियों ने ट्रेक्टर जलाया
बीजापुर : जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर बीजापुर-गंगालूर मार्ग पर प्रधानमंत्री सडक़ रोजगार योजना के तहत पुल-पुलिया निर्माण में लगी मेस्सी कंपनी की ट्रेक्टर में बीती रात नक्सलियों ने आग लगा दी। इस आगजनी की घटना में ट्रेक्टर के सीट स्टेयरिंग इंजन की वायर पुरी तरह जल चुके हैं। घटनास्थल पर ही एक मिक्सर मशीन को भी लकड़ी डालकर जलाने का प्रयास किया गया था। बिना सुरक्षा के चल रहे सडक़ निर्माण कार्यो में अब तक नक्सली पुसगुड़ी, तुमनार, पोंजेर में आगजनी की घटना को अंजाम दे चुके हैं ।
3 ) जगदलपुर : नक्सली इलाकों में बिजली का काम चल रहा ढीला-ढाला
जगदलपुर : संभाग के नक्सल प्रभावित या लाल आतंक से ग्रस्त जिलों सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर में विद्युत व्यवस्था प्रत्येक घर में पहुंचाने के लिए तीव्र गति से प्रधानमंत्री के इच्छानुसार कार्य करने में विद्युत वितरण कंपनी अपने आपको परिस्थितियों से नहीं ढाल सकी है। जिसका परिणाम यह हुआ है कि अलग-अलग कार्योंं के लिए अलग-अलग अधिकारियों की व्यवस्था करने के बजाए एक ही अधिकारी को कार्य भार सौंपकर विद्युत वितरण कंपनी योजना के लक्ष्यों को पूरा करने में लगी है।
नक्सली इलाकों में बिजली का काम चल रहा ढीला-ढाला
प्राप्त जानकारी के अनुसार इन जिलों के प्रत्येक घरों में बिजली पहुंचाने का काम प्राथमिकता के साथ करते हुए इन जिलों में बहाल हुई विद्युत व्यवस्था को सुचारू रूप से पहुंचाना भी बहुत बड़ा दायित्व है लेकिन इन जिलों के लिए एक ही कार्यपालन अभियंता को विद्युत वितरण के साथ-साथ सौभाग्य योजना की भी जिम्मेदारी दे दी गई है। जिससे इन जिलों में विद्युत व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने में कठिनाई हो रही है और घंटों इन जिलों में विद्युत प्रवाह अवरूद्ध होने के बाद पुन: आने में अत्यधिक समय लगता है।
कार्यपालन अभियंता को विद्युत वितरण के साथ-साथ सौभाग्य योजना की भी जिम्मेदारी दे दी गई है
इधर अभियंता के इस कार्य को देखने पर योजना का कार्य नहीं हो पाता है ऐसे में शासन के उद्देश्यों की पूर्ति नहीं हो पा रही है। इस व्यवस्था से न केवल प्रदेश शासन वरन केन्द्र शासन की भी छवि धूमिल हो रही है जिससे अगले चुनाव में इसका विरोधी दल लाभ उठा सकता है।