नईदिल्ली : डीजल 9 रुपए, पेट्रोल 7 रुपए हुआ महंगा, इस तरह बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम

नईदिल्ली : पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर आम आदमी से लेकर खुद पेट्रोलियम मंत्री भी चिंतित हैं. लेकिन, सरकार ने साफ इनकार कर दिया है कि पेट्रोल-डीजल पर तत्काल प्रभाव से एक्साइज ड्यूटी नहीं घटाई जाएगी. वैश्विक बाजारों में तेल के दाम बढऩे से इन दिनों दिल्ली में डीजल जहां उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. वहीं, पेट्रोल चार साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया है. सरकार ने वैश्विक बाजार में कीमतों में नरमी के दौरान राजस्व बढ़ाने के इरादे से नवंबर 2014 और जनवरी 2016 के बीच एक्साइज ड्यूटी में 9 बार बढ़ोतरी की गई. लेकिन, पिछले साल अक्टूबर में सिर्फ एक बार इसमें दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई. पिछले एक महीने में पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. लेकिन, सरकार एक्साइज ड्यूटी घटाने को तैयार नहीं.
इसलिए महंगा हुआ पेट्रोल-डीजल
जून 2017 के बाद से पेट्रोल-डीजल की कीमतें रोजाना तय होती हैं. इससे पेट्रोल-डीजल के दाम पर एकदम से असर नहीं पड़ता. पिछले 10 महीने में पेट्रोल-डीजल के आंकड़े देखें तो 10-10 पैसे की बढ़ोतरी से दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 73.95 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गई. मंगलवार को दिल्ली में पेट्रोल के भाव 4 साल के उच्चतम स्तर 73.95 रुपए/लीटर पर पहुंच गए हैं. वहीं, डीजल 64.82 रुपए प्रति लीटर हो गया है.
9 महीने में 9 रुपए महंगा हुआ डीजल
पिछले साल जून से अब तक पेट्रोल-डीजल बहुत महंगा हो चुका है. पिछले साल जून में दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 66.91 रुपए थी जो 3 अप्रैल 2018 को 73.95 रुपए प्रति लीटर पहुंच चुकी है. इस अवधि में पेट्रोल की कीमतों में 7.04 रुपए की बढ़ोतरी हुई है. वहीं, डीजल की बात करें तो जून 2017 में इसकी कीमत 55.94 रुपए थी, जोकि 3 अप्रैल 2018 को 64.82 रुपए पहुंच चुकी है. इस अवधि में डीजल 8.88 रुपए महंगा हुआ है. मतलब ये तकरीबन एक साल में पेट्रोल-डीजल की कीमतें सिर्फ बढ़ी हैं.
सरकार का क्या था दावा
पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर सरकार ने पिछले साल कहा था कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें बढऩे से घरेलू मार्केट में भी दबाव बनता है. ऐसे में पेट्रोल-डीजल की कीमतें रोजाना तय करने से ये नियंत्रण में रहेंगी. हालांकि, ऐसा नहीं हुआ. पिछले 9 महीने के आंकड़े तो कुछ और ही बयां कर रहे हैं.
पेट्रोलियम मंत्री की मांग
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि पेट्रोल-डीजल के दाम को लेकर हम संवेदनशील हैं. पेट्रोलियम मंत्रालय ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की वकालत की है. इस मुद्दे पर जीएसटी काउंसिल के सामने भी रखा गया है. हम चाहते हैं कि काउंसिल भी इस पर तुरन्त फैसला ले. उन्होंने कहा पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की शुरुआती झिझक दूर हो गई है. उम्मीद है कि जल्द ही पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाएगा. इससे आम आदमी को बड़ी राहत मिलेगी.
एक्साइज ड्यूटी घटाने से इनकार
सरकार ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए एक्साइज ड्यूटी यानी उत्पाद शुल्क में तत्काल प्रभाव से घटाने से इनकार कर दिया. यह पूछे जाने पर कि क्या दूसरी बार उत्पाद शुल्क में कटौती की जा सकती है, वित्त सचिव हसमुख अढिय़ा ने कहा, ‘‘फिलहाल नहीं. जब भी हम इसकी समीक्षा करेंगे, आपको इसकी जानकारी दी जाएगी.’’