छत्तीसगढ़

दुर्ग में सीमा सुरक्षा बल के डीआईजी ने की पत्रकार वार्ता

दुर्ग। बीएसएफ के जवान जान की बाजी लगाकर देश को नक्सल मुक्त बनाने में लगे है। जिसमे नक्सली घटनाओं में अब तक 24 जवान शहीद हुए हैं जहा बीहड़ में भी बीएसएफ द्वारा कैम्प स्थापित ग्रामीणों का दिल जीत रहे हैं।

सीमा सुरक्षा बल न केवल देश के बाहरी दुश्मन से लोहा लेती है बल्कि जरूरत पड़ने पर देश के भीतर घुसे देशद्रोहियों को कुचलने से भी पीछे नहीं रहती. छत्तीसगढ़ राज्य को नक्सल मुक्त बनाने में बल के जवान अपनी जान की बाजी लगा रहे हैं। इसमें अब तक 24 जवान शहीद हो चुके हैं। सीमा सुरक्षा बल बीहड़ों में कैम्प स्थापित कर ग्रामीणों का विश्वास जीतने में लगी हुई है।

यह बातें आज एक पत्रकार वार्ता में सीमा सुरक्षा बल के डीआईजी समुंदर.सिह डबास ने कही. उन्होंने बताया कि 18 जनवरी 2013 को बल मुख्यालय के निर्देशानुसार सीमांत मुख्यालय महानिरीक्षक (स्पेशल ऑप्स) छत्तीसगढ़ के रूप में गठन किया गया और दिनांक 07 फरवरी 2013 को प्रभावी रूप से कार्य करना प्रारंभ कर दिया गया जिसका टेक हेडक्वाटर भिलाई में है। सीमांत मुख्यालय महानिरीक्षक (स्पेशल ऑप्स) छत्तीसगढ़ ने सीमांत मुख्यालय महानिरीक्षक (स्पेशल ऑप्स) बैंगलोर से संचालन की जिम्मेदारी संभाली, जिसे अब भुवनेश्वर (उड़ीसा) में स्थानांतरित कर दिया गया है।

वर्तमान में सीमांत मुख्यालय महानिरीक्षक (स्पेशल ऑप्स) छत्तीसगढ़ के अंतर्गत 02 क्षेत्रीय मुख्यालय भिलाई एवं दुर्ग और 08 वाहिनियों तैनात है।
वर्ष 2009 में छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या के समाधान के लिए सीमा सुरक्षा बल को कांकेर जिला में तैनात किया गया। कांकेर के अति संवेदनशील बीहडो एवं दूरस्थ ग्रामीण तथा जंगली इलाके में सीमा सुरक्षा बल की टुकडियाँ कठिनाईयों से लड़ते हुए तैनात हुई, जिसके तहत सीमा सुरक्षा बल अपने कर्तव्य को सफलता पूर्वक अंजाम दे रहा हैं। सीमा सुरक्षा बल अपनी तैनाती के पश्चात अंदरूनी इलाके में कैम्प स्थापित कर धीरे-धीरे गांव वालों का भरोसा जीतने में कामयाब हुआ जिससे गांव वालों के दिल में सुरक्षा की भावना पैदा हुई है।

अब तक सीमा सुरक्षा बल ने छत्तीसगढ़ में अपने कठिन प्रयासों से कांकेर जिले में सक्रिय 102 हार्डकोर नक्सलियों को आत्मसमर्पण कराकर देश की मुख्यधारा में जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है। छत्तीसगढ़ में तैनाती से अब तक सीमा सुरक्षा बल ने 09 नक्सलियों को मार गिराया, 1082 नक्सलियों को गिरफ्तारी किया और 537 अधिक आईईडी (जिन्दा बम्ब) की बरामदगी कर सुरक्षा बलों एवं आम जनता को भारी नुकसान होने से भी बचाया है।

सीमा सुरक्षा बल ने बार्डर ड्यूटी के अलावा देश के अन्दर होने वाली विभिन्न प्राकृतिक आपदायें, नक्सल देशद्रोहियों को कुचलने में अपनी जान की परवाह नहीं करती है।जहाँ सीमा सुरक्षा बल के जवान अपनी जान की बाजी लगाकर देश को नक्सल मुक्त बनाने में लगे है वही दूसरी ओर समाज एवं प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं जिनमें 07 वृक्षारोपण प्रोग्राम वर्ष 2021 में कांकेर के दूरदराज फैले गांव में 40 सिविक एक्शन प्रोग्राम एवं 24 चिकित्सा शिविर के तहत गरीबों एवं स्कूली बच्चो को कुल 5252670.44 रूपये की जरूरत की चीजे मुहैया कराया एवं कुल 656607.66 मुफ्त चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान कराया, बेरोजगार युवाओं को स्किल डेवलपमेन्ट प्रोग्राम के तहत रोजगार प्रशिक्षण देना, ट्राइबल यूथ प्रोग्राम के तहत आदिवासी बच्चों को भारत भ्रमण में ले जाना और प्रदेश की संस्कृति को देश के समक्ष रखना इत्यादि है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button