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रायपुर : नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ अचीवर्स स्टेट घोषित : डॉ. रमन सिंह

रायपुर  : मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज बताया कि नीति आयोग द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट – ‘स्वस्थ्य राज्य प्रगतिशील भारत’ में समग्र स्वास्थ्य सूचकांकों के आधार पर छत्तीसगढ़ को ‘अचीवर्स स्टेट’ (उपलब्धि हासिल करने वाला राज्य) घोषित किया गया है। इन सूचकांकों के आधार पर आयोग ने देश के 12 प्रमुख राज्यों को शामिल किया जिनमें दी गई इन्क्रीमेंटल रैंकिंग के अनुसार छत्तीसगढ़ पूरे देश में पांचवे नम्बर पर है। यह एक बड़ी उपलब्धि है। इसके लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से छत्तीसगढ़ को पुरस्कृत किया जाएगा।
डॉ. रमन सिंह  आज शाम विधानसभा में अपनी सरकार के आगामी वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट पर हुई सामान्य चर्चा का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा – नीति आयोग ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की उपलब्धियों के आधार पर उसे उपलब्धि प्राप्तकर्ता राज्य घोषित किया है। छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य विभाग का बजट वर्ष 2003 में केवल 341 करोड़ रूपए था, जो अब बढक़र 4703 करोड़ रूपए हो गया है। इस प्रकार स्वास्थ्य के बजट में चौदह गुना वृद्धि हुईहै। राज्य शासन द्वारा स्वास्थ्य अधोसंरचनाओं का लगातार विस्तार किया जा रहा है। मेडिकल कॉलेजों की संख्या दो से बढक़र बढक़र दस और नर्सिंग कॉलेजों की संख्या 84 हो गई है।जिला अस्पतालों की संख्या 16 से बढक़र 26, सिविल अस्पतालों की संख्या 16 से बढक़र 19, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या 116 से बढक़र 169, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या 115 से बढक़र 785 और उप स्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या तीन हजार 818 से बढक़र पांच हजार 186 हो गई है। डॉ. सिंह ने कहा – प्रदेश सरकार ने संजीवनी कोष योजना में गंभीर बीमारियों से पीडि़त 24 हजार मरीजों को इलाज के लिए 261 करोड़ रूपए की सहायता दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा – हमने राज्य में अमीर-गरीब, सबके लिए स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की हैं। इसके अंतर्गत पहले तीस हजार रूपए तक और अब पचास हजार रूपए तक वार्षिक इलाज की सुविधा 56 लाख परिवारों को मिल सकेगी। इतना ही नहीं बल्कि वरिष्ठ नागरिकों और पत्रकारों के लिए इस योजना में तीस हजार रूपए तक अतिरिक्त बीमा कव्हर की सुविधा है। उन्होंने कहा – संजीवनी 108 जैसी एम्बुलेंस सेवाओं के जरिए लगभग चालीस लाख मरीजों को अस्पतालों तक पहुंचाया गया है। मुख्यमंत्री बाल हृदय सुरक्षा योजना में सात हजार 205 बच्चों का इलाज हुआ है, जिस पर 72 करोड़ रूपए राज्य शासन द्वारा खर्च किए गए हैं।
 

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