जगदलपुर : प्रदेश की अग्रणी सिंचाई योजनाओं में से एक कोसारटेडा मध्यम सिंचाई परियोजना से बस्तर जिले के ही किसानों को फायदा नहीं प्राप्त हो रहा है और आज उनके खेतों में रबी फसल की ही आवश्यक पानी की उपलब्धता ही नहीं हो पा रही है।
जानकारी के अनुसार इस कोसारटेडा बंाध के आसपास रहने वाले किसानों को पानी ना मिलने के कारण उनके तीन हजार से अधिक हेक्टेयर भूमि में रबी की फसल के लिए चिंता व्याप्त हेा गई है और वे शासन से सिंचाई विभाग को इस संबंध में पानी प्रदान करने के लिए आवश्यक निर्देश देने का आग्रह कर रहे हैं।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में इस योजना से बड़ी ही कठिनाई से पचास हेक्टेयर भूमि में ही सिंचाई हो पा रही है और यह बांध प्रदेश के मध्यम सिंचाई परियोजनाओं में से एक कही जाती है। कोसारटेडा बांध के संबंध में स्थानीय जल संसाधन विभाग व कृषि विभाग पूरी तरह जिम्मेदार है। उन्होंने शासन को इस योजना से होने वाली लाभों को बढ़ा-चढ़ाकर बताया और स्थिति इसके विपरीत रही। आज जमीनी स्तर पर इस बांध का लाभ मात्र कुछ ही किसानों तक सिमट कर रह गया है।
इस संबंध में यह भी उल्लेखनीय है कि कोसारटेडा बांध के डुबान क्षेत्र में पांच गांवों के नौ सौ पैंतालीस परिवार के लोगों ने यह नहीं सोचा था कि अपनी उपजाऊ कृषि जमीन देने के बाद भी उनके लिए अपने बचे हुए खेतों में सिंचाई के लिए ही पानी नहीं मिल पाएगा। विभागीय अधिकारियों ने वाहवाही लूटने के लिए लोगों को सब्जबाग दिखाकर अपना उल्लू सीधा कर लिया, लेकिन आज जब यह बांध बनकर तैयार हो चुका है तो उससे इन किसानों को कोई लाभ नहीं ंपहुंच पा रहा है। जरूरत इस बात की है कि इस बांध के निर्माण सहित इसकी डिजाईन में गहन अध्ययन की आवश्यकता है जिससे यह बांध लोगों की अपेक्षाओं की कसौटी पर खरा उतरे।