मिशन कर्मयोगी के अनुरूप क्षमता निर्माण पर जोर, पदोन्नति के बाद अनिवार्य संस्थागत प्रशिक्षण की पहल

रायपुर। मुख्य सचिव विकासशील ने कहा कि विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की क्षमता बढ़ाने के लिए विभाग की जरूरतों और पदों के अनुरूप प्रशिक्षण कोर्स तय किए जाएं, ताकि वे मिशन कर्मयोगी के लक्ष्यों के अनुरूप प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पदोन्नति या नई पदस्थापना होने पर कर्मचारियों को उनके दायित्वों और जिम्मेदारियों की समझ विकसित करने के लिए कम से कम एक सप्ताह का संस्थागत प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाए।
नवा रायपुर स्थित आईआईआईटी में क्षमता विकास आयोग, भारत सरकार और छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में यह बातें सामने आईं। कार्यशाला के दौरान अधिकारियों और कर्मचारियों को क्षमता विकास आयोग की तकनीकी टीम से प्रशिक्षण कोर्स से जुड़ा मार्गदर्शन और तकनीकी जानकारी लेने का अवसर मिला।
इस अवसर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स के जरिए विभागीय क्षमता विकास योजनाएं तैयार करने का डेमो भी प्रस्तुत किया गया। पंचायत एवं ग्रामीण विकास, महिला एवं बाल विकास और परिवहन विभाग द्वारा तैयार किए गए प्रशिक्षण कोर्स का प्रस्तुतीकरण किया गया, जिसे अन्य विभागों के अधिकारियों ने भी देखा। आने वाले समय में अन्य विभागों के लिए भी क्षमता निर्माण पर आधारित कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
कार्यशाला में क्षमता विकास आयोग की अध्यक्ष एस. राधा चौहान ने मिशन कर्मयोगी और विकसित भारत 2047 के लक्ष्यों के अनुरूप कार्य करने के लिए प्रतिभागियों को प्रेरित किया। कार्यक्रम को आयोग की प्रमुख सलाहकार चंदलेखा मुखर्जी, प्रशासन अकादमी के महानिदेशक सुब्रत साहू और संचालक टी.एस. महावार ने भी संबोधित किया। इस दौरान राज्य शासन के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।



