
छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार बहुत जल्द एक महत्वपूर्ण योजना लागू करने जा रही है, जिससे पूरे प्रदेश के सभी परिवार राशन कार्ड के दायरे में आ जाएंगे. इस योजना के तहत सभी सस्ता चावल पाने की पात्रता भी रखेंगे. मंगलवार को आहूत कैबिनेट की बैठक में गरीबों को चावल देने की इस योजना पर विस्तृत चर्चा के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खाद्य मंत्री और अपने करीबी मोहम्मद अकबर को इस बात की जिम्मेदारी दी है कि किस तरह से सस्ते में सभी को चावल मिले.
सरकार के वरिष्ठ सूत्रों ने न्यूज़ 18 से हुई बातचीत में बताया कि 2010 की जनगणना के आधार पर प्रदेश में लगभग 58 लाख परिवार हैं, जो साल 2019 में बढ़कर 65 लाख हो चुके हैं. इन 65 लाख परिवारों में से लगभग 5 लाख परिवार इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं. जबकि 60 लाख परिवार गरीबी रेखा के नीचे या आसपास हैं. पुरानी बीजेपी सरकार ने प्रति व्यक्ति 7 किलोग्राम चावल गरीबों को देने की योजना बनाई थी, जबकि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में प्रति परिवार को 35 किलो चावल देने की बात कही थी और अब सरकार ने इस बात का निर्णय ले लिया है कि 60 लाख गरीब परिवारों को 1 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से सरकार चावल मुहैया कराएगी.
इतना ही नहीं एक महत्वपूर्ण निर्णय के तहत गरीबी रेखा से ऊपर रहने वाले प्रदेश के लगभग 5 लाख परिवारों को 10 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से चावल राशन दुकान के जरिए देने का फैसला लिया गया है. सरकारी आकड़ों के अनुसार गरीबों को 1 रुपये और गरीबी रेखा से ऊपर वालों को 10 रुपये प्रति किलो चावल देने के लिए सरकार को प्रतिवर्ष 4 हजार 800 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे. इस योजना को जल्द ही अमलीजामा पहनाया जाएगा. कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने इस बात से इंकार नहीं किया कि लगभग 5 हजार करोड़ रुपये की चावल योजना लोकसभा चुनाव में गेम चेंजर साबित हो सकती है.