रायपुर । छत्तीसगढ़ में बीते चार दिनों से सक्रिय मानसून के चलते खरीफ फसलों की तेजी से बुआई शुरू हो चुकी है। अब तक लगभग 54 हजार 340 हेक्टेयर में धान की बोता बोनी और 940 हेक्टेयर में रोपाई हो चुकी है। किसान मक्का, मुंगफली और कोदो की बुआई भी शुरू कर चुके हैं। राज्य में मानसून के चलते सब्जी-भाजी की खेती में भी तेजी आई है। अब तक 15 हजार 290 हेक्टेयर में सब्जी-भाजी की खेती की जा चुकी है। इस साल लेट मानसून आने के चलते खरीफ फसलों की बोनी पिछड़ी है, परंतु लगातार हो रही बारिश को देखते हुए यह उम्मीद है कि जून माह के अंत तक खरीफ फसलों की बोनी का औसत लक्ष्य पूरा हो जाएगा।
लगभग 71 हजार 530 हेक्टेयर में हो चुकी बुआई
राज्य में इस साल 48 लाख 20 हजार हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बोनी का लक्ष्य है। बीते वर्ष राज्य में 26 जून की स्थिति में लगभग सवा दो लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बोनी हो चुकी थी। खरीफ सीजन 2023 में धान की बुआई 36 लाख हेक्टेयर में, मक्का, कोदो, कुटकी रागी 4 लाख हेक्टेयर में, दलहन फसलें 3 लाख 60 हजार हेक्टेयर में, तिलहन फसलें 2 लाख 9 हजार हेक्टेयर में तथा सब्जी -भाजी एवं अन्य फसलों की बुवाई 2 लाख 50 हजार हेक्टेयर में किया जाना है। खरीफ सीजन को देखते हुए किसानों को उच्च गुणवत्ता के बीज एवं खाद की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।
राज्य में 12.15 लाख मेट्रिक टन उर्वरक एवं 6.78 लाख क्विंटल बीज भंडारित
इस साल खरीफ सीजन में 10.18 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज वितरण के लक्ष्य के विरूद्ध 6.78 लाख क्विंटल बीज का भंडारण तथा 3.82 लाख क्विंटल बीज का वितरण किसानों को किया जा चुका है। सहकारी सोसायटियों एवं निजी क्षेत्रों में 12.15 लाख मेट्रिक टन विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरक का भंडारण एवं 6.56 लाख टन का वितरण किया जा चुका है।
किसानों को अत्यधिक बारिश की वजह से फसलों को क्षति से बचाने के लिए खेतों से जल निकास की व्यवस्था करने की सलाह दी गई है। बेहतर उत्पादन के लिए बोआई के पूर्व बीजों को उपचारित करने तथा कतार बोनी, रोपण विधि और श्री विधि को अपनाने सलाह दी गई है।