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धान से आगे बढ़ी खेती: सब्जी उत्पादन और माइक्रो सिंचाई से किसानों की आमदनी में उछाल

रायपुर। प्रदेश में खेती का स्वरूप तेजी से बदल रहा है। जहां कभी किसान केवल धान पर निर्भर रहते थे, वहीं अब सब्जी उत्पादन उनकी नई ताकत बन रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व, कृषि मंत्री रामविचार नेताम के मार्गदर्शन और बीज निगम अध्यक्ष चंद्रहास चंद्राकर के प्रयासों से यह बदलाव जमीन पर दिखने लगा है।

राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत किसानों को उन्नत सब्जी बीज, ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई जैसी आधुनिक सुविधाएं मिल रही हैं। छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के पारदर्शी ‘कैंपस ऑनलाइन पोर्टल’ के जरिए किसान सरल प्रक्रिया से ड्रिप एरिगेशन सिस्टम प्राप्त कर रहे हैं। ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ सिद्धांत पर आधारित इस तकनीक से पानी और पोषक तत्व सीधे पौधों तक पहुंचते हैं, जिससे संसाधनों की बचत होती है, श्रमिक लागत घटती है और मुनाफा बढ़ता है।

बीज निगम द्वारा ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम पर किसानों को अधिकतम 55 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। रबी सीजन में चना जैसी दलहन फसलों में स्प्रिंकलर पद्धति का व्यापक लाभ लिया जा रहा है। वर्ष 2025-26 में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत 17,881 किसानों को (3,281 ड्रिप और 14,600 स्प्रिंकलर) अनुदान पर सिस्टम उपलब्ध कराए गए हैं, जो वित्तीय वर्ष के अंत तक जारी रहेंगे।

इसके अलावा, ‘शाकम्भरी योजना’ के तहत किसान अपनी पसंद के सिंचाई पंप—मोनोब्लॉक, विद्युत, पेट्रोल, डीजल या ओपनवेल सबमर्सिबल—पर 75 प्रतिशत तक अनुदान प्राप्त कर रहे हैं। बिजली सुविधा न होने पर डीजल पंप का विकल्प भी दिया गया है। चालू वर्ष में अब तक 3,234 किसान इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं और लक्ष्य के अनुरूप अधिक किसानों तक पहुंच बनाई जा रही है।

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