व्हाइट हाउस के पास फायरिंग: ट्रंप ने बताया आतंकी हमला, तालिबान ने ISI पर साधा निशाना

अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में बुधवार को व्हाइट हाउस के पास हुई फायरिंग ने सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ राजनीतिक हलकों को भी सकते में डाल दिया। इस हमले में नेशनल गार्ड के दो जवान गंभीर रूप से घायल हुए, जबकि हमलावर को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया।
जांच में पता चला कि संदिग्ध की पहचान 29 वर्षीय रहमानुल्लाह लकनवाल के रूप में हुई है, जो 2021 में अमेरिका में दाखिल हुआ अफगान नागरिक बताया जा रहा है।
राष्ट्रपति ट्रंप का कड़ा रुख
घटना के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे आतंकवादी हमला करार दिया और अतिरिक्त 500 सैनिकों की सुरक्षा तैनाती का आदेश दिया। साथ ही उन्होंने घोषणा की कि 2021 में अफगानिस्तान से आए सभी व्यक्तियों की पुन: जांच की जाएगी। अधिकारियों का मानना है कि हमलावर ने अकेले ही हमला किया, हालांकि उसके बैकग्राउंड की जांच जारी है।
तालिबान की प्रतिक्रिया
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने अमेरिका के आरोपों पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस घटना में अफगानिस्तान का नाम घसीटना पूरी तरह अनुचित है। तालिबान प्रवक्ता जबिउल्लाह मुजाहिद का दावा है कि लकनवाल का अफगानिस्तान से कोई संबंध नहीं है, बल्कि उसे ISI द्वारा प्रशिक्षित किया गया था।
मुजाहिद ने कहा, “हमलावर का अफगानिस्तान से कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध नहीं है। उपलब्ध जानकारी बताती है कि उसकी ट्रेनिंग ISI ने करवाई थी और वह पाकिस्तान से होकर अमेरिका पहुंचा।”
इस बयान के बाद अमेरिका–पाकिस्तान–अफगानिस्तान के बीच तनाव और बढ़ने की आशंका है।
अमेरिकी जांच एजेंसियों का रुख
डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी के अनुसार हमलावर ने नेशनल गार्ड पर घात लगाकर हमला किया। शुरुआती पड़ताल में इसे ‘लोन वुल्फ’ अटैक माना जा रहा है, लेकिन हमले की प्लानिंग गहरी हो सकती है।



