विदेश में बेचना चाहते हैं सामान तो पूरी करें ये शर्तें, डॉलर-यूरो में होगी कमाई
नई दिल्ली. अगर आप मैन्युफैक्चरर हैं या फिर ट्रेडर हैं और चाहते हैं कि अपना प्रोडक्ट विदेशों में भी बेचें, जिससे आप डॉलर व यूरो में कमाई कर पाएं तो ऐसा हो सकता है, दरअसल भारत सरकार एक्सपोर्ट करने के इच्छुक हर बिजनेसमैन को एक्सपोर्ट लाइसेंस दे रही है । लेकिन इसके लिए आपको कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी, इन शर्तों को पूरा करने के बाद आप आसानी से एक्सपोर्ट लाइसेंस हासिल कर पाएंगे और विदेशी ग्राहकों तक अपने प्रोडक्ट पहुंचा सकेंगे। इसके बाद आपकी कमाई डॉलर और यूरो में होने लगेगी। सरकारी वेबसाइट इंडियन ट्रेड पोर्टल पर एक्सपोर्ट लाइसेंस हासिल करने के लिए जरूरी शर्तों के बारे में पूरी जानकारी है । चलिए हम बताते हैं कि क्या हैं ये शर्तें-
बनाएं कंपनी
एक्सपोर्ट बिजनेस की शुरुआत करने के लिए आपको एक कंपनी बनानी होगी। ये कंपनी अकेले या पार्टनरशिप में शुरू की जा सकती है।
बैंक अकाउंट और पैन
एक्सपोर्ट बिजनेस के लिए आपको बैंक अकाउंट होना बहुत जरूरी है। इसलिए विदेशी मुद्रा में डील करने वाले किसी भी ऑथराइज्ड बैंक में अपना करेंट अकाउंट खुलवा लें। साथ ही हर एक्सपोर्टर और इंपोर्टर के पास पैन कार्ड होना अनिवार्य है। अगर आपने पैन नहीं बनवाया है तो इसे बनवा लें।
इंपोर्टर-एक्सपोर्टर कोड (IEC) नंबर
IEC एक 10 डिजिट वाला नंबर है जो एक्सपोर्ट या इंपोर्ट करने के लिए जरूरी है। IEC को हासिल करने के लिए एप्लीकेशन को डीजीएफटी की रीजनल अथॉरिटी को सबमिट किया जा सकता है। इसके लिए आपको फॉर्म ANF 2A भरना होगा और जरूरी डॉक्यूमेंट्स लगाने होंगे। इसके अलावा आप DGFT की वेबसाइट http://dgft.gov.in/ पर भी e-IEC के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
रजिस्ट्रेशन कम मेंबरशिप सर्टिफिकेट (RCMC)
इंपोर्ट या एक्सपोर्ट के लिए ऑथराइजेशन का लाभ उठाने के लिए या अन्य बेनिफिट के लिए एक्सपोर्टर्स के लिए RCMC भी अनिवार्य है। इसे एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल्स/फियो/कमोडिटी बोर्ड्स/अथॉरिटीज द्वारा दिया जाता है। इससे एक्सपोर्टर FTP 2015-20 के तहत कंसेशन का भी लाभ ले सकते हैं।
प्रोडक्ट व मार्केट सिलेक्शन
आप प्रतिबंधित प्रोडक्ट्स के अलावा किसी भी प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट कर सकते हैं। सिलेक्शन के लिए भारत से बाहर भेजे जाने वाले विभिन्न प्रोडक्ट्स के ट्रेंड का अध्ययन करने के बाद ही प्रोडक्ट का सिलेक्शन करें। इसी तरह विदेशी बाजारों के मार्केट साइज, कॉम्पिटीशन, क्वालिटी रिक्वायरमेंट्स, पेमेंट टर्म्स आदि का अध्ययन करने के बाद अपने प्रोडक्ट के एक्सपोर्ट के लिए बाजार तय करें। साथ ही एफटीपी के तहत कुछ देशों में मिलने वाले मार्केट बेस्ड एक्सपोर्ट बेनिफिट्स को भी पता कर लें।