![कम लागत में ज्यादा मुनाफा, रागी फसल से भर रहा खजाना कृषक डोंगर सिंह और विजयशंकर हुए समृद्ध 1 More profit in less cost, treasury filled with ragi crop, farmers Dongar Singh and Vijayshankar became prosperous](https://4rtheyenews.com/wp-content/uploads/2023/09/More-profit-in-less-cost-treasury-filled-with-ragi-crop-farmers-Dongar-Singh-and-Vijayshankar-became-prosperous.jpg)
रायपुर । यह वर्ष लघु धान्य मिलेट वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में लघु धान्य फसलों को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। इस क्रम में महासमुंद जिले को वर्ष 1500 हेक्टेयर का लक्ष्य दिया गया था। विभाग के प्रयास से जिले के पिथौरा, बसना विकासखण्ड में लघु धान्य मिलेट बड़े पैमाने पर लगाए गए। बसना विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम भंवरपुर में 100 एकड़ क्षेत्र में 33 किसानों ने रागी फसल का उत्पादन कर लाभ अर्जित किया था।
कृषि विभाग द्वारा किसानों को दी गई मुफ्त बीज वितरण से प्रभावित होकर पिथौरा विकासखण्ड के ग्राम फरौदा के कृषक डोंगर सिह चक्रधारी ने रबी फसल वर्ष 2022-23 में 0.40 हेक्टेयर क्षेत्र में कृषि विभाग की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (रफतार) अन्तर्गत रागी बीज किस्म वी.एव. मड़िया-376 प्राप्त कर अपने खेत में लगाया था। योजनांतर्गत उन्हें 6 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से बीज एवं इनपुट सामग्री के रूप में अनुदान प्राप्त हुआ। जिससे उन्हें अच्छा उत्पादन और लाभ भी मिला।
कृषक चक्रधारी ने बताया कि रागी की फसल से 0.40 हे. में लगभग 12.00 क्विंटल उत्पादन हुआ। जिसे समर्थन मूल्य 3578 रुपए/क्विंटल की दर से लघु वनोपज समिति में विक्रय किया गया। जिससे उन्हे कुल 42 हजार 936 रुपए प्राप्त हुआ। रागी की फसल लेने में उन्हें लगभग 4000 रुपए की कास्त लागत आयी है इस तरह उन्हें इस फसल से 38 हजार 936 रुपए का शुद्ध आय प्राप्त हुआ है। कृषक चक्रधारी बताते है कि वे उत्पादन में वृद्धि के लिए बुवाई से पूर्व कवकनाशी तथा पी.एस.बी. कल्चर से उपचारित किया तथा प्रति इकाई उत्पादकता में वृद्धि के लिए अन्तवर्ती फसल के रूप में सूरजमुखी का फसल लिया। जिससे उनके आय में उम्मीद से अधिक लाभ हुआ।
इसी प्रकार सरायपाली विकासखण्ड के ग्राम बिजातीपाली के कृषक विजयशंकर पटेल ने बताया कि कृषि विस्तार अधिकारी के सलाह पर 1.80 हेक्टेयर क्षेत्र में रागी फसल लगाया था। जिसका कुल उत्पादन 21.59 क्विंटल प्राप्त हुआ। जिससे मुझे एक लाख 12 हजार रुपए का लाभ प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि वे पूर्व वर्ष में धान लगाते थे, लेकिन पानी के कमी के चलते धान नहीं हो पाता था। कम पानी में रागी फसल का अच्छा उत्पादन हुआ जिससे मुझे अच्छी आय अर्जित हुई। दोनों किसानों ने राज्य शासन को इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है।