मंत्रीजी के लिए चुनौती बना सेना का पूर्व जवान, लोगों ने खून से खत लिखे तो नौकरी से इस्तीफा दिया
![मंत्रीजी के लिए चुनौती बना सेना का पूर्व जवान, लोगों ने खून से खत लिखे तो नौकरी से इस्तीफा दिया 1 Former army soldier became a challenge for the minister, resigned from the job when people wrote letters in blood](https://4rtheyenews.com/wp-content/uploads/2023/09/Former-army-soldier-became-a-challenge-for-the-minister-resigned-from-the-job-when-people-wrote-letters-in-blood-780x470.png)
हजारों लोगों की भीड़ के बीच जिस युवक को लोगों ने कंधे पर उठा रखा है, वो राष्ट्रपति से वीरता पुरस्कार प्राप्त जवान है, जो न सिर्फ अपनी नौकरी से इस्तीफा देकर चुनावी मैदान में कूद गया है, बल्कि अब वो छत्तीसगढ़ के मंत्री अमरजीत भगत के लिए चुनौती बन गया है.
दरअसल सेना रहकर देश की सेवा करते हुए राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार से नवाजे जाने वाले सैनिक रामकुमार टोप्पो ने पद से इस्तीफा दे दिया है। वो भी इसलिये क्योंकि उसके इलाके के हजारों लोगों ने उसे खून से खत लिखे और उससे छत्तीसगढ़ की सीतापुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का मांग की ।
विधानसभा चुनाव से पूर्व सैनिक रामकुमार टोप्पो क लिए आयोजित रैली में हजारों की संख्या में महिला पुरुष एवं युवा वर्ग शामिल हुए । जिन्होंने गाजे, बाजे एवं आतिशबाजी के साथ सैनिक रामकुमार टोप्पो को कंधे पर बिठाकर नगर में विशाल रैली निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया। रैली के दौरान बारिश होने के बाद भी रामकुमार टोप्पो के प्रति युवाओं का जोश एवं जज्बा देखते बनता था। .
हालांकि सेना के जवान ने ये नहीं बताया, कि किस दल से चुनाव लडने जा रहा है. लेकिन सीतापुर से सूबे के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत विधायक हैं. जो पिछले बीस साल से इस सीट से विधायकी का चुनाव जीतते आ रहे हैं, अब उनके लिए ये जवान चुनौती खड़ी कर रहा है. सरगुजा के सीतापुर थाना क्षेत्र के कोटझाल निवासी राजकुमार टोप्पो जम्मू कश्मीर की सरहद पर पैरामिलिट्री के सेंट्रल आर्म पुलिस फोर्स के जवान हैं. सेना में रहते हुए इन्हें कई उपलब्धि मिली है.
रामकुमार टोप्पो ने कहा कि लगभग 20 दिन पहले हजारों की संख्या में लेटर मिले थे. हजारों पत्र के बीच एक बहन का खून से लिखा एक पत्र आया था. उसमें हर एक शब्द दिल को छूने वाले थे. और आज ये भाई पीछे हटता तो देश का सैनिक कहलाने के लायक नहीं रहता, इसलिए मैं आया हूं. वर्दी पहनकर देश सेवा करना और जनकल्याण के लिए देश सेवा करना. दोनों एक जैसा है