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अब 5 रुपए किलो गोबर खरीदेगी मोदी सरकार, ये रहा पूरा प्लान

गाय पालकर जीवन यापन कर रहे लोग अब गाय के गोबर से प्राकृतिक पेंट (Cow Dung Natural paint) बनाने के प्रोजेक्‍ट से भी आमदनी कर सकते हैं. भारत के गांवों में केवीआईसी गाय के गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए मैन्‍यूफैक्‍चरिंग यूनिट खोलने जा रहा है.

लोग अपने घरों और परिसरों को लीपने या रंगने के लिए इसकी मांग कर रहे हैं. देशभर में ईको फ्रेंडली (Eco Friendly) गाय के गोबर से बने प्राकृतिक पेंट को काफी पसंद किया जा रहा है. हाल ही में केंद्र सरकार की रोजगार सृजन स्‍कीम के तहत भी इसे जोड़ा गया है. ऐसे में अब केवीआईसी (KVIC) ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत गांवों में गाय के गोबर से बनने वाले पेंट की 500 मैन्‍यूफैक्‍चरिंग यूनिट लगाने का लक्ष्‍य बनाया है.

केवीआईसी के चेयरमैन विनय कुमार सक्‍सेना के मुताबिक, इन यूनिटों को इन्‍टरप्रिन्‍योर्स की मदद से अगले छह महीनों में लगाने की योजना बनाई गई है. इससे गांवों में करीब छह हजार लोगों को सीधे रोजगार मिल सकेगा साथ ही किसानों और पशु पालकों की आमदनी में इजाफा हो सकेगा.

पशुपालकों की कमाई

केवीआईसी की ओर से बताया गया कि अभी तक गायों को पाल रहे लोग इसके गोबर का कोई खास इस्‍तेमाल नहीं करते या तो इसे खाद के रूप में इस्‍तेमाल करते हैं, कहीं इकठ्ठा होने के लिए छोड़ देते हैं या उपले बनाते हैं. जबकि प्राकृतिक पेंट बनाने की यूनिट बनने के बाद गायों के गोबर को सीधे प्‍लांटों को बेचा जा सकेगा या फिर अपने यहां ही प्‍लांट लगाकर वे इसे इस्‍तेमाल कर सकेंगे.

महीने में इतनी हो सकती है आमदनी

एक स्‍वस्‍थ्‍य गाय एक दिन में करीब 20 से 25 किलोग्राम तक गोबर देती है लिहाजा एक व्‍यक्ति 100 से 125 रुपये तक एक गाय से रोजाना कमा सकता है.केवीआईसी के अधिकारियों का कहना है कि प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए गाय के गोबर की कीमत को पांच रुपये प्रति किलोग्राम तय किया गया है. ऐसे में अगर किसी गांव में कोई यूनिट लगती है तो बाकी लोग पांच रुपये प्रति किलो के हिसाब से गाय का गोबर भी बेच सकते हैं.

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