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ट्रंप का दो दिवसीय दौरा खत्म भारत की आवभगत से हुए गदगद

नई दिल्ली, (Fourth Eye News) दो दिवसीय दौरे पर भारत आए डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका रवाना हो गए। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई, इस ऐतिहासिक यात्रा पर आये डोनाल्ड ट्रंप ने सीएए पर भी अपना रुख साफ की किया. उन्होने स्पष्ट तौर कहा है कि नागरिक संशोधन कानून भारत का आतंरिक मामला है और इसे वह किस तरह डील करता है यह भारत पर निर्भर करता है।

यही नहीं धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे पर ट्रंप ने पीएम मोदी की इस बात पर भरोसा जताया कि भारत के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है और यहां की सरकार इसकी हर हालत में हिफाजत करने को तैयार है। जबकि कश्मीर को एक बड़ी समस्या मानते हुए उम्मीद जताई कि भारत व पाकिस्तान इसका मिल जुल कर समाधान निकालेंगे। अमेरिका जो भी कर सकता है वह करेगा।

भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आये और यहां मिले भरपूर आवभगत से गदगद राष्ट्रपति ने मंगलवार को देर रात वापसी से तकरीबन चार घंटे पहले प्रेस कांफ्रेंस की और भारत व अमेरिका के संबंधों की दशा व दिशा का खाका खींचा। बतौर अमेरिकी राष्ट्रपति वह मानते हैं पीएम मोदी जैसे नेताओं के नेतृत्व में भारत का भविष्य बहुत ही अद्भुत होगा।

हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी के साथ दो चरणों में हुई बात

नई दिल्ली में मंगलवार को ट्रंप की यात्रा का दूसरा चरण था। सुबह राष्ट्रपति भवन में उनका राजकीय सम्मान के साथ स्वागत किया गया। ट्रंप व उनकी पत्नी राजघाट गई और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि स्थल पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। ट्रंप उसके बाद हैदराबाद हाउस पहुंचे जहां पीएम मोदी के साथ उनकी दो चरणों में बात हुई।

रक्षा, सुरक्षा, ऊर्जा, कारोबार समेत कई अहम मुद्दों पर हुई बात

पहले दोनो नेताओं ने तकरीबन 45 मिनट व्यक्तिगत तौर पर बात की और इसके बाद दोनों नेताओं की अगुवाई में अधिकारी स्तर की बातचीत एक घंटे चली। दोनो नेताओं की बातचीत वैसे तो रक्षा, सुरक्षा, ऊर्जा, कारोबार, तकनीकी हस्तांतरण से जुड़े द्विपक्षीय मुद्दों पर ही केंद्रित रही लेकिन स्थानीय व वैश्विक मुद्दों को भी अच्छा खासा समय दिया गया। इसके तहत कश्मीर, पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते वर्चस्व के खिलाफ संयुक्त रणनीति बनाने का मुद्दा भी प्रमुख रहा। दोनो नेताओं के सामने तीन समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हालांकि ट्रेड समझौते को लेकर बहुत कुछ उल्लेखनीय तौर पर सामने नहीं आया। हां, यह निश्चित तौर पर सुनिश्चित हुआ कि आने वाले दिनों में भारत अपनी ऊर्जा व रक्षा जरूरतों के लिए अमेरिका से और ज्यादा खरीददारी करेगा।

21वीं सदी की सबसे अहम साझेदारी

 

मोदी ने संयुक्त बयान में कहा कि ”भारत व अमेरिका के बीच साझेदारी 21 वीं सदी की सबसे अहम साझेदारी होगी। इसलिए मैने और राष्ट्रपति ट्रंप ने यह फैसला किया है कि इस साझेदारी को समग्र वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में तब्दील किया जाएगा। अमेरिका के साथ हमारा रक्षा व सुरक्षा सहयोग बहुत ही महत्वपूर्ण है। अमेरिका की बेहद आधुनिक रक्षा उपकरण हमारी क्षमता को और बढ़ाएंगी।”

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