छत्तीसगढ़रायपुर

बहुआयामी केंद्र के रूप में विकसित होगे गोठान – डाॅ भारतीदासन

रायपुर, कलेक्टर डाॅ. एस. भारतीदासन और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. गौरव कुमार सिंह ने आज विडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से शासन की महत्वाकांक्षी योेजना नरवा,गरवा,घुरवा और बाड़ी में हो रहे कार्यो की समीक्षा कर जिला एवं जनपद स्तर के अधिकारियो को आवश्यक निर्देश दिए।

गोठान के कार्यो की समीक्षा करते हुए कलेक्टर डाॅ. भारतीदासन ने निर्देशित किया कि जिले के सभी गोठानो में चारा-पानी और चबूतरा शेड निर्माण का कार्य पूर्ण करा लिया जाए। शासन के निर्देशानुसार पशुओं की खुले में चराई से मुक्ति के लिए रोका-छेका अभियान चलाया जा रहा है। यह ध्यान रखे कि गोठानों में पशुओं की उपस्थिति शत-प्रतिशत हो।

गोठानों मे पशुओ की सुरक्षा के लिए पशु चिकित्सा विभाग कोे निर्देशित किया गया कि सप्ताह में दो बार सघन परीक्षण कर दवाईयां और टीकाकरण किया जाए तथा सभी चारागाह में अनिवार्य रूप से नेपियर घास लगाया जाए। गोठानों को बहुआयामी क्रियाविधियों के केंद्र के रूप में विकसित किया जाना है।

इससे गोठानों में कार्य करने वाले स्व-सहायता समूहों को आजीविका चलाने में मदद मिलेगी। स्व-सहायता समूह को चारा कटाई के अतिरिक्त बाड़ी में सब्जी उत्पादन ,मत्स्य पालन आदि कार्य देकर उनके आर्थिक स्त्रोत को बढ़ाना है।

इसी तरह कलेक्टर डाॅ. भारतीदासन ने जिले में धान चबूतरा निर्माण कार्य की प्रगति का प्रतिवेदन तत्काल उपलब्ध कराने का निर्देश दिए। जिन जगहो पर चबूतरा निर्माण का कार्य प्रगति पर है, वहां अनिवार्य रूप से 5 जुलाई तक कार्य पूर्ण करा लिया जाए। सभी जनपद सीईओ जिले के गोठानो और नरवा में किए जा रहे कार्यो की दैनंदिनी प्रतिवेदन सीईओ जिला पंचायत को प्रस्तुत करें।

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. गौरव कुमार सिंह ने जनपद सीईओ को निर्देशित किया कि गोठानों में स्व-सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक स्त्रोत के साधन उपलब्ध कराया जाना है।

इसके लिए गोठान से संबंधित सभी विभाग को समन्वय करना आवश्यक है। जिन गोठानो मेें प्रस्तावित कार्य अविलंब प्रारंभ कर पूर्ण किया जाए। स्व-सहायता समूह की महिलाओ को गोठान में प्रारंभ किये जा रहे मुर्गी पालन, बकरी पालन,मत्स्य पालन, मशरूम उत्पादन, साबुन और दोना-पत्तल आदि कार्यो से जोड़ा जाना है।

उन्होने कहा कि पंचायत स्तर के जो निर्माण कार्य लंबित है, उसे 30 अगस्त तक अनिवार्य रूप से पूर्ण कर लिया जाए। जिन गोठानो में मशरूम उत्पादन किया जाना है, इसके शेड निर्माण के लिए कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत किया जाए। सभी गोठानों में 07 जुलाई तक चारा बीज की बुवाई अनिवार्यतः करे ताकि आगामी दिनों में पशुओ के लिए चारे की कमी न हो। सब्जी उत्पादन के लिए बाडी की पूरी जवाबदारी उद्यानिकी विभाग की है।

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