बैलाडीला में अडानी के काम पर सरकार ने लगाई रोक, फर्जी ग्राम सभाओं की शिकायत पर जांच की घोषणा
रायपुर
छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए अडानी के काम पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है. देश में यह पहला मौका है जहां किसी सरकार ने उद्योगपति गौतम अडानी के काम पर प्रतिबंध लगा दिया है. बैलाडीला संकट पर बस्तर के प्रतिनिधिमंडल की रिपोर्ट और उनके साथ चल रही बैठक में सरकार ने प्रतिनिधिमंडल की मांगों को मान लिया है.
बैठक में सरकार ने प्रतिनिधिमंडल की मांगों को मानते हुए वनों की कटाई पर तुरंत रोक लगा दी है. वहीं साल 2014 में माइन्स को लेकर हुई फर्जी ग्राम सभा के आरोपों की जांच कराए जाने का फैसला बैठक में लिया है. इसके साथ ही सरकार ने विवादित क्षेत्र में संचालित सभी कार्यों पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया है. वहीं बैठक में इस बात पर भी निर्णय लिया है कि राज्य सरकार की ओर से इस मामले को लेकर केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर जन भावनाओं की जानकारी दी जाएगी.
इससे पहले सांसद दीपक बैज के नेतृत्व में बस्तर के विधायकों और जनप्रतिनिधियों के प्रतिनिधिमंडल ने मंत्रालय में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की और उन्हें आदिवासियों के साथ हुई मुलाकात के बाद की रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट सौंपने के बाद मंत्रालय में प्रतिनिधिमंडल के साथ मीटिंग हुई. जिसमें वनमंत्री मोहम्मद अकबर भी मौजूद थे.
आपको बता दें बीते शुक्रवार 7 जून से पहाड़ बचाने के लिए आदिवासियों का महाआंदोलन जारी है. आंदोलन में तकरीबन 25 हजार आदिवासी मौजूद हैं. संभाग भर से आदिवासी जंगलों से निकलकर अपने परिवार सहित मीलों पैदल यात्रा कर इस आंदोलन में शामिल हुए हैं. गौरतलब है कि उद्योगपति गौतम अडानी को लौह अयस्क के खनन के लिए बैलाडीला की डिपोजिट नंबर 13 का ठेका सरकार ने दिया है. इस पहाड़ी को बचाने के लिए आदिवासी आंदोलन कर रहे हैं. आदिवासी इस पहाड़ी नंदराज पर्वत को अपना देवता मानते हैं.