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कबीरधाम में राज्यपाल रमेन डेका की लखपति दीदियों से मुलाकात, सराहे गए नवाचार और आजीविका मॉडल

रायपुर। राज्यपाल रमेन डेका ने बुधवार को कबीरधाम जिले के ऐतिहासिक भोरमदेव मंदिर परिसर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने जिले की सफल स्व-सहायता समूहों की लखपति दीदियों से भेंट कर उनके कार्यों की सराहना की। राज्यपाल ने प्रदर्शनी में लगे स्टॉल्स का अवलोकन करते हुए महिलाओं की आजीविका से जुड़ी गतिविधियों को प्रेरणास्पद बताया।

राज्यपाल ने महिलाओं की सफलता की कहानियां सुनीं और उनके नवाचारों व जीवन में आए सकारात्मक बदलावों की सराहना की। ढोलबज्जा की सुखिया बैगा द्वारा चलाए जा रहे माँ लक्ष्मी स्व-सहायता समूह के बाँस उत्पादों को सराहा गया, जिनसे समूह की मासिक आय 12 से 15 हजार रुपये तक पहुँच रही है।

ग्राम सिल्हाटी की अन्नपूर्णा स्व-सहायता समूह की महिलाओं से बातचीत में राज्यपाल ने उनके बेकरी, कोदो-कुटकी और महुआ आधारित उत्पादों के व्यवसाय की जानकारी ली। महिलाओं ने बताया कि उन्हें शासन से 3 लाख रुपये का ऋण व अनुदान मिला है, जिससे आय में बढ़ोतरी हुई है।

एकता समूह द्वारा जैविक खेती व ब्लैक राइस उत्पादन की पहल को राज्यपाल ने नवाचारपूर्ण बताया और परंपरागत धान की प्रजातियों के संरक्षण को भविष्य के लिए अहम कदम बताया। इस पहल से बीज उत्पादन और विपणन के जरिए सीजनल आमदनी 2 से 3 लाख रुपये तक हो रही है।

अमीन माता स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा कपड़े के बैग, पर्स और थैले बनाकर आर्थिक आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की जा रही है। राज्यपाल ने कहा कि ऐसे उद्यम पर्यावरण संरक्षण में भी अहम योगदान देंगे।

इस मौके पर वन विभाग की ओर से तरेगांव और सिंघारी समितियों के शहद संग्राहकों को सुरक्षा किट वितरित किए गए। राज्यपाल ने औषधीय उत्पाद, शहद और अन्य सामग्रियों की जानकारी ली और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में इनका योगदान महत्वपूर्ण बताया।

राज्यपाल ने सभी लखपति दीदियों को टिप्स दिए कि वे अपने उत्पादों की गुणवत्ता, पैकेजिंग और डिजिटल मार्केटिंग पर ध्यान दें, ताकि उनके पारंपरिक उत्पादों को ब्रांडिंग के ज़रिए राज्य और देश स्तर पर पहचान मिल सके। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने सभी दीदियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

इस अवसर पर कलेक्टर गोपाल वर्मा, वनमंडलाधिकारी निखिल अग्रवाल और जिला पंचायत सीईओ अजय त्रिपाठी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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