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दिल्ली के श्रद्धा वाकर हत्याकांड की तरह छत्तीसगढ़ में भी हुई थी वारदात,माँ-बाप को रायपुर के घर में दफनाया, भोपाल में गर्लफ्रेंड की कब्र पर की शराब पार्टी

हत्याकांड

दिल्ली में हुए श्रद्धा वाकर के हत्याकांड से इन दिनों देश स्तब्ध है। श्रद्धा के लिवइन पार्टनर आफ़ताब असीम पूनावाला ने जिस तरह उसकी हत्या कर उसके 35 टुकड़े करते हुए फ्रिज में रखा फिर एक एक कर बॉडी पार्ट्स को ठिकाने लगाता रहा, इसे जानकार हर कोई इस आरोपी के लिए मौत की सजा की मांग कर रहा है। मगर आपको बता दें कि देश का यह ऐसा इकलौता हत्याकांड नहीं है जिसकी वजह से हर कोई सन्न है इसके पहले भी कुछ घटनाएं हुईं हैं जिस वजह से लोग इंसानी नस्ल पर ही सवाल उठाने को मजबूर हो गए।

उदयन दास अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसके पिता भेल में नौकरी करते थे और मां भोपाल स्थित एक सरकारी विभाग में कार्यरत थी। दोनों ने नौकरी के दौरान भोपाल और रायपुर में घर बनवाया था। वहीं, दिल्ली में एक फ्लैट खरीदा था। उदयन के पिता रायपुर में रहते थे और मां भोपाल में रहती थी। वहीं, उदयन ने रायपुर के ही एक स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की थी। माता-पिता के पास पैसे थे तो वह लग्जरी जिंदगी जीता था। साथ ही उसमें दिखावे का भी शौक था। बताया जाता है कि उसे पाबंदियां बर्दाश्त नहीं था।

लैविश लाइफ जीने का शौक़ीन उदयन हर किसी को अमेरिका के नाम पर झांसे में ले लेता था। 2007 से उसने अमेरिका के नाम पर एक बड़ा आडंबर खड़ा करना शुरू किया था। दिल्ली में रहते हुए उसने अपने रिश्तेदारों और करीबियों को बताया था कि वह अमेरिका में रहता है। असल में वो दिल्ली स्थित फ्लैट में ही रहता था। इकलौते होने के कारण पैसे की कोई कमी नहीं थी। मां-पिता भी रिटायर होकर रायपुर रहने लगे थे। दिल्ली में रहते हुए उदयन की लाइफ स्टाइल पूरी तरह से बदल गई थी। कई गलत आदतों के फेर में वह पड़ गया था। सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट क्रिएट कर वह खुद को अमेरिका में रहना और जॉब करना बताता था। अमेरिका के नाम पर उसकी जिंदगी में कई लड़कियां आईं। उनमें से एक पश्चिम बंगाल की लड़की घर परिवार को छोड़कर उसके पास रहने चली आई। पश्चिम बंगाल के बांकुरा की रहने वाली आकांक्षा शर्मा भी इसी तरह से इसके झांसे में फंस गई। फेसबुक के जरिए हुई पहचान बाद में प्यार में बदल गया। आकांक्षा शर्मा इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी। उदयन समझ चुका था कि आकांक्षा की तड़प उसके लिए बढ़ती जा रही है।

साल 2016 में उदयन ने आकांक्षा को अपने पास बुलाने के लिए अमेरिका में नौकरी का फर्जी ऑफर लेटर दिया। आकांक्षा ने परिवार के लोगों को दिखाया। वे लोग भी इसे अमेरिका भेजने को तैयार हो गए। घर से एक लाख 20 हजार रुपये लेकर आकांक्षा शर्मा निकल गई। दिल्ली पहुंचने पर आकांक्षा की मुलाकात उदयन दास से हुई। उदयन दास उसे अपने फ्लैट पर ले गया। इस दौरान उदयन परिवार से बात नहीं करने देता था। परिवार के लोगों को मैसेज के जरिए जवाब देता था। उदयन आकांक्षा के फोन से उदयन ही परिवार के लोगों को मैसेज कर जवाब देता था। साथ ही उसके फेसबुक प्रोफाइल को भी अपडेट करता था।

लेकिन धीरे-धीरे उदयन के साथ रहने के दौरान आकांक्षा उसकी असलियत जान गई। वो यह समझ गई की उदयन उसे जॉब और प्यार दोनों के नाम पर धोखा दे रहा है। इसी बात पर दोनों में झगड़ा हो गया। पहले झगडे में उदयन किसी तरह से आकांक्षा को मनाने में कामयाब हो गया। इसके बाद आकांक्षा को लेकर भोपाल आ गया। 14 जुलाई 2016 को दोनों के बीच झगड़ा हुआ। इसके बाद उदयन का गुस्सा इस कदर उसपर हावी हो गया कि उसने आव देखा प्रेमिका आकांक्षा की तकिया से मुंह दबाकर आकांक्षा की हत्या कर दी। इसके बाद किसी हॉरर फिल्म की तरह उसने आकांक्षा के शव को एक लोहे के बॉक्स में कैद कर दिया। फिर उसे एक कमरे में रखकर उसपर एक चबूतरा बनवा दिया। उसके पागलपन की इन्तेहाँ देखिए कि अपनी मरी हुई प्रेमिका के मकबरे पर वो बेख़ौफ़ होकर सो भी जाय करता था और रात होते ही उसमे बैठकर शराब पीता था।

कुछ समय तक तो उदयन का यह कारनामा चलता रहा मगर तभी अपनी बेटी से कोई संपर्क ना होने पर आकांक्षा के घरवाले चिंतित हो गए। और उदयन से बार-बार आकांक्षा के बारे में सवाल पूछने लगे। उदयन का दिमाग फिर खिसक गया उसने आकांक्षा के पश्चिम बंगाल के बांकुरा स्थित उसके घर पर पहुंचकर उसके माँ बाप को भी मारने का प्लान बनाया। उदयन को देखकर आकांक्षा के परिवार वाले बहुत खुश हुए कि बेटी का दोस्त आया है। इस दौरान जब आकांक्षा की मां किचन में चाय बनाने जाने लगी तो उदयन कहने लगा कि मैं बनाता हूं। लेकिन आकांक्षा की मां ने मना कर दिया। बाद में पता चला कि वह दोनों को मारने गया था। उसकी कोशिश थी कि चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर उन्हें बेहोश कर देंगे। इसके बाद उनकी हत्या कर देंगे। लेकिन उदयन की कोशिशें नाकाम हो गई। साथ ही बेटी के बारे में परिवार को कोई सही जानकारी नहीं मिली।

बेटी के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलने पर आकांक्षा शर्मा के परिजनों ने दिसंबर 2016 में बांकुरा पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी। जांच के एक अहम कड़ी हाथ लगी। आकांक्षा शर्मा का आखिरी लोकेशन भोपाल के गोविंदपुरा इलाके का मिला। इसके बाद पश्चिम बंगाल की पुलिस यहां पहुंच गई और मामले में जांच शुरू कर दी। आकांक्षा के कॉल डिटेल से पता चला कि वह लगातार उदयन के संपर्क में थी। पश्चिम बंगाल की पुलिस ने उदयन को दो फरवरी 2017 को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पूछताछ शुरू हुई। शुरुआत में तो वह पुलिस को बरगलाता रहा। सख्ती बरतने पर वह टूट गया। इसके बाद उदयन का इकबाल-ऐ-जुर्म सामने आया उसने पुलिस को बताया कि उसने अपने भोपाल वाले घर में ही आकांक्षा की ह्त्या कर उसे दफना दिया है।

पुलिस ने इसके बाद भोपाल के साकेत नगर स्थित उसके घर की खुदाई की। उस चबूतरा को तोड़ने में पुलिस को सात-आठ घंटे का वक्त लगा था। चबूतरा के अंदर से आकांक्षा शर्मा का कंकाल मिला था। पूछताछ में उसने कहा था कि उसे अपने किए पर कोई अफसोस नहीं है।

इसके बाद उदयन का एक और भयानक काण्ड सामने आया। उदयन के माता-पिता 2010 के बाद से लापता थे। रिश्तेदार जब उदयन से पूछते थे तो वह कहता था कि दोनों अमेरिका में रहते हैं। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि उसने माता-पिता को 2010 में ही मारकर रायपुर स्थित घर में दफना दिया है। वह करीब सात साल तक अपने रिश्तेदारों से यह बात छुपाए रखा। इसके बाद पुलिस ने वहां से दोनों के कंकाल बरामद किए। माता-पिता की हत्या के बाद उसने फर्जी तरीके से संपत्ति अपने नाम करा ली थी। भोपाल से रायपुर की दूरी 630 किमी है। छह साल के अंतराल पर उसने तीन जिंदगियों को खत्म कर दिया लेकिन किसी को शक नहीं हुआ। उदयन के गुनाहों की परतें खुलने के बाद साल 2020 में उदयन को उम्रकैद की सजा हुई है। इस समय वह बांकुरा के जेल में बंद है।

आपको बता दें कि उदयन को अपने मां-पिता और प्रेमिका की हत्या करने का आइडिया अमेरिकी टीवी शो द वॉकिंग डेड से आया था। उसी शो को देखकर उसने अपने पैरेंट्स और प्रेमिका की बेरहमी से हत्या कर दी और जमाने को खबर नहीं लगने दी।

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