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छ्त्तीसगढ़ में राम सहारे कांग्रेस का हिंदुत्व

रायपुर ।  कांग्रेस पार्टी को कर्नाटक चुनाव में जीत के साथ एक कॉन्फिडेंस भी मिला कि वो बीजेपी को हिंदुत्व की पिच पर भी मात दे सकती है. अब कांग्रेस पार्टी की रणनीति में भी साफ दिखाई देने लगा है कि पार्टी उसके और बीजेपी के बीच सॉफ्ट और हार्ड हिंदुत्व के अंतर को भी मिटा देना चाहती है. छत्तीसगढ़ मे विधानसभा चुनाव होने वाले है ये चुनाव लोकसभा चुनाव की न सिर्फ धुंधली सी तस्वीर साफ करेंगे. बल्कि उन प्रयोगों का भी आकलन करेंगे, जिसको रणनीति में तब्दील कर राजनीतिक दल आम चुनाव में इस्तेमाल करेंगे. छत्तीसगढ  राज्य से बहने वाली चुनावी हवा में हिंदुत्व की तेज महक आ रही है।

सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ने ही नहीं बल्कि कांग्रेस ने भी अब उसके और बीजेपी के हिंदुत्व में अंतर बताने वाले सॉफ्ट और हार्ड के सहयोगी शब्द हटा दिए हैं. कांग्रेस खुलकर हिंदुत्व के रंग में रंग गई है और बीजेपी को इसी हिंदुत्व की पिच पर टक्कर दे रही है. इस साल के आखिर में छत्तीसगढ़ मे राजनीतिक दल चुनावी नूरा-कुश्ती में उलझने वाले हैं. फिलहाल सत्ता में कांग्रेस है और मुख्यमंत्री हैं भूपेश बघेल. बघेल ने ही कांग्रेस को, राम को राम से जीतने की रणनीति सुझाई है. बीजेपी के रामलला को टक्कर देने के लिए बघेल ने भगवान राम को अपना भांजा बता दिया।

संबंध की नींव में हैं माता कौशल्या, जो कि छत्तीसगढ़ से ही थीं. बीजेपी अपने हिंदुत्व को धार देने के लिए अयोध्या में भव्य राम मंदिर बना रही है तो बघेल जवाब में राम वन गमन पथ तैयार कर रहे हैं. कौशल्या उत्सव हो या रामायण उत्सव, राम वन गमन पथ हो या राम से जुड़े मंदिरों का नवीकरण, खुद को भगवान राम से जोड़ने के लिए बघेल की सरकार करोड़ों खर्च करने से हाथ पीछे नहीं खींच रही. राज्य भर में भगवान राम की 7 विशाल प्रतिमाएं स्थापित की जा रही हैं।

इनमें से एक की ऊंचाई 51 फीट तक है. राम को छत्तीसगढ़ का भांचा बनाया सो बनाया, सरकार माता कौशल्या का भव्य मंदिर भी बना रही है.आदिपुरुष फिल्म में हिंदुओं की भावना आहट होने का मसला आया तो फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग छत्तीसगढ़ से भी उठी. वो भी खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से. मौजूदा सियासी समीकरण में ऐसी किसी मांग की उम्मीद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से रहती है न कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं से, लेकिन बदलती राजनीतिक परिस्थितियों में अब बघेल भी अपने-अपने राम का राग गुनगुना रहे हैं और आगामी चुनाव में बीजेपी की रणनीति को उन्हीं पर इस्तेमाल करने की जुगत में हैं।

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