बंधक सौदे पर दरार: इजरायली सेना का आरोप — हमास ने किया झूठा आदान‑प्रदान

मध्य पूर्व में चल रहा बंधक आदला‑बदली और संघर्ष विराम फिलहाल संकटग्रस्त हो गया है। इजराइल की सेना ने आरोप लगाया है कि हमास ने रिहाई प्रक्रिया में धोखा दिया — लौटाए गए शवों में कम से कम एक शव इजरायली बंधक का नहीं पाया गया।
इजरायली सेना के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट‑जनरल इयाल जमीर ने साफ कहा है कि जब तक सभी बंधक वापस नहीं आ जाते, सेना ‘‘आराम’’ नहीं करेगी। जमीर ने इसे नैतिक और राष्ट्रीय दायित्व बताया और कहा कि राजनीतिक नेतृत्व के साथ मिलकर सभी समझौतों को लागू किया जाएगा।
हमास ने हाल में सात शव लौटाए हैं, जिनमें चार को बुधवार को सौंपा गया—लेकिन इनमें से एक शव के इजरायली नहीं होने की रिपोर्ट ने बात को जटिल बना दिया। यह वही चाल है जो इस साल पहले भी देखी गई थी, जब एक शव के गलत होने का खुलासा फोरेंसिक जांच से हुआ था। परिवारों के साथ बार‑बार की ऐसी हरकतें गहरे आक्रोश और अविश्वास को जन्म दे रही हैं।
इजरायल के कड़े दक्षिणपंथी मंत्री इतमार बेन‑ग्वीर ने returned शवों पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि हमास को ‘‘हथियारों की भाषा’’ से ही निपटाया जा सकता है—एक बयान जिसने न्यायनिति की जगह पुनः सैन्य प्रतिक्रिया की आवाज बुलंद कर दी है।
स्थिति संवेदनशील है: एक ओर इजरायली नेतृत्व मृत और जीवित बंधकों की वापसी पर अड़ा हुआ है, दूसरी ओर हमास की कथित चालबाज़ियाँ समझौते की विश्वसनीयता और शांति के हालात को भंग कर सकती हैं।