एक देश-एक चुनाव’ कैसे हो सकता है?केंद्र सरकार के फैसले ने कयासों को दिया विराम, अब कैसे होंगे चुनाव
रायपुर । 2023 क्या अब देश ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ की तरफ आगे बढ़ रहा है। क्या टलने वाले हैं 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव? क्या समय से पहले ही होंगे लोकसभा चुनाव? ऐसे तमाम सवाल तब उठने लगे, जब संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने संसद के विशेष सत्र की जानकारी दी और केंद्र सरकार ने एक देश-एक चुनाव पर कमेटी का गठन कर इन सवालों को और पुख्ता कर दिया, जिसके बाद पूरे आसार हैं कि विशेष सत्र में इससे जुड़ा बिल भी पेश किया जा सकता है।
एक देश-एक चुनाव का एक बार फिर बोतल से बाहर निकल आया है. केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद के विशेष सत्र को बुलाया है. संभव है कि एक देश एक चुनाव पर सरकार बिल भी ला सकती है।केंद्र की बनाई कमेटी एक देश एक चुनाव के कानूनी पहलुओं पर गौर करेगी। साथ ही इसके लिए आम लोगों से भी राय लेगी।एक देश-एक चुनाव पर पहली बार विवाद 2018 में शुरू हुआ था. उस समय लॉ कमीशन ने एक देश-एक चुनाव का समर्थन कर रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी थी.
एक तरफ बीजेपी इसे देश की जरूरत बता रहे हैं तो दूसरी तरफ विपक्ष इसे असंवैधानिक बता रहा है। इस मामले पर छत्तीसगढ़- एमपी में भी जमकर बयानबाजी हुई। पिछले कई दिनों से विपक्ष ये कह रहा है कि मोदी सरकार इस बार समय से पहले चुनाव करा सकती है। नीतीश कुमार और ममता बनर्जी की ओर से इसका दावा भी किया गया है। लेकिन बीजेपी ये कह रही है कि अभी केवल कमेटी बनी है, जिसके बाद उसकी रिपोर्ट आएगी। सदन में चर्चा होगी, उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।