बॉलिवुड में असफल हुए तो बहुत जूते पड़ते हैं: अर्जुन रामपाल

पिछले 5 सालों में रॉय, रॉकऑन 2, कहानी 2 और डैडी जैसी असफल फिल्मों से घिरे बॉलिवुड अभिनेता अर्जुन रामपाल कहते हैं कि बॉलिवुड और ग्लैमर की दुनिया में करियर बनाना आसान नहीं है। यहां सफल हुए तो खूब सराहना और तालियां मिलती हैं, लेकिन फेल होने पर उतने ही ज्यादा जूते भी पड़ते हैं। पर्यावरण पर बनी एक फिल्म की स्क्रीनिंग में पहुंचे अर्जुन ने आगे कहा कि बॉलिवुड के बाहर काम करने वालों को लगता है कि ऐक्टर्स को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती, तो ऐसा नहीं है।
पिछले 5 सालों में रॉय, रॉकऑन 2, कहानी 2 और डैडी जैसी असफल फिल्मों से घिरे बॉलिवुड अभिनेता अर्जुन रामपाल
अर्जुन ने कहा, फिल्मों में काम करने वालों के प्रति बाहरी लोगों को लगता है कि हम लोग बहुत आराम से एसी वैन में बैठकर शॉट देते हैं और घर चले जाते हैं, जबकि ऐसा होता नहीं है। जैसे किसी भी प्रफ़ेशन में आपको मेहनत करना पड़ता है और अपने काम को सीखना पड़ता है, ठीक ऐसा ऐक्टिंग के करियर में भी करना पड़ता है। अपने स्किल्स को निखार कर सामने लाना पड़ता है। खुद को चैलंज करना, दर्शकों को सरप्राइज करना, बॉक्स ऑफिस को समझना और फिल्म के बजट को अच्छी तरह समझना यह सब इतना आसान काम नहीं है बल्कि बहुत ही मुश्किल काम है।
बहुत आराम से एसी वैन में बैठकर शॉट देते हैं और घर चले जाते हैं जबकि ऐसा होता नहीं है
अर्जुन आगे कहते हैं, जब सफलता मिलती है तो सब लोग आपको हाथों-हाथ लेते हैं, सराहना करते हैं और आपके लिए तालियां भी बजाते हैं। जब आप सफल नहीं होते तब आपको उतने ही ज्यादा जूते भी पड़ते हैं। ऐक्टिंग और बॉलिवुड जितना ग्लैमरस फील्ड लगता है… उतना है नहीं।
जब आप सफल नहीं होते तब आपको उतने ही ज्यादा जूते भी पड़ते हैं
इन दिनों अर्जुन निर्देशक जे पी दत्ता की फिल्म पलटन में एक अहम भूमिका निभा रहे हैं। फिल्म के बारे में अर्जुन बताते हैं, मैं आर्मी बैकग्राउंड से ताल्लुक रखता हूं इसलिए निर्देशक जे पी दत्ता की फिल्म पलटन को लेकर बेहद उत्साहित भी हूं। मेरे दादा जी और नाना जी दोनों आर्मी में थे। मैं हमेशा से एक प्रॉपर आर्मी और युद्ध वाली फिल्म में काम करना चाहता था। जे पी दत्ता जी से अच्छा इस विषय पर और कौन है जो फिल्म बना सकता है।