दंतेवाड़ा जिले में महात्मा गांधी नरेगा योजना से गांव में लगातार सकारात्मक बदलाव आ रहा योजना से लोगों को काम भी मिल रहा है और उनके आर्थिक विकास के रास्ते खुलने लगे हैं
दंतेवाड़ा। महात्मा गांधी नरेगा योजना से गांवों में लगातार सकारात्मक बदलाव आ रहा है। योजना से लोगों को न सिर्फ काम मिला है, बल्कि उनके लिए आर्थिक विकास के कई रास्ते खुलने लगे हैं। हितग्राहियों को आर्थिक रूप से सशक्त करनें के साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी गतिमान बनाए रखा हैं। मनरेगा के कार्यों का लाभ व्यक्तिगत और सामुदायिक दोनों स्तर पर मिल रहा हैं। महात्मा गाँधी के सपनों का भारत बनाने में मनरेगा जैसी योजनाओं की ही आवश्यकता है। महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में जिला दन्तेवाड़ा के सभी 143 ग्राम पंचायतों में श्रममूलक कार्यों से ग्रामीणों को उनके समीपस्य रोजगार प्रदाय किया जा रहा है। वित्तीय 2021-22 में लक्षित मानव दिवस 16.81 लाख के सापेक्ष 12.40 लाख मानव दिवस सृजित किया गया है। पूर्व वर्षों में माओवादी प्रभाव के कारण कुछ पंचायतों में योजनान्तर्गत कार्यों के क्रियान्वयन में कठियाईयों का सामना करना पड़ा था। किन्तु इस द्वितीय वर्ष में ग्रामीणों के जन जागरूकता से योजनान्तर्गत कार्यों से अपने अतिरिक्त आमदनी बढ़ा रहे हैं। मनरेगा से जुडकर ग्रामीणों को जो आर्थिक संसाधन प्राप्त हुए है, उससे वे मौजूदा हालात में काफी राहत महसूस कर रहें हैं। जिला में प्रतिदिन मनरेगा योजनान्तर्गत संचालित कार्यों में संलग्न मजदूरों की औसतन संख्या 16423 है। जिससे प्रति परिवार औसत मानव दिवस 47 है, 100 मानव दिवस पूर्ण किये परिवारों की संख्या 2285 है। इसके साथ ही वनाधिकार पट्टाधारी 1355 परिवारों द्वारा 100 दिवस का रोजगार का सृजन किया गया है। मनरेगा से हो रहे आजीविका संवर्धन के कार्या ने कई परिवारों की जिंदगी बदल दी है। जीवन-यापन के साधनों को सशक्त कर इसने लोगों की आर्थिक उन्नति के द्वार खुले है।