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स्वतंत्रता दिवस 2025: छत्तीसगढ़ पुलिस के 11 अफसर-कर्मियों को वीरता पदक से सम्मानित

स्वतंत्रता दिवस 2025 के अवसर पर छत्तीसगढ़ पुलिस ने अपने बहादुर अफसरों और कर्मियों को सम्मानित करने की घोषणा की है। इस बार 11 अफसर-कर्मियों को पुलिस वीरता पदक से नवाजा जाएगा। विशेष रूप से दंतेवाड़ा में पदस्थ निरीक्षक संजय पोटाम को यह पदक तीसरी बार मिल रहा है। राजधानी रायपुर से भुनेश्वर साहू (यातायात पुलिस) को भी वीरता पदक प्रदान किया जाएगा।

इन वीरता पदक विजेताओं में शामिल हैं

अंजू कुमारी (डीएसपी, कबीरधाम), लालजी सिन्हा (निरीक्षक, कबीरधाम), भुनेश्वर साहू (यातायात पुलिस, रायपुर), संजय पोटाम (निरीक्षक, दंतेवाड़ा), कमलेश मरकाम (प्रधान आरक्षक, दंतेवाड़ा), दिनेश भास्कर (प्रधान आरक्षक, दंतेवाड़ा), चैतराम गुरुपंच (निरीक्षक, सुकमा), हेमला नंदू (प्रधान आरक्षक, दंतेवाड़ा), प्यारस मिंज (सहायक उपनिरीक्षक, दंतेवाड़ा), मनोज पुनेम (प्रधान आरक्षक, दंतेवाड़ा), और शहीद बुधराम कोरसा (सम्मान उनकी पत्नी सुखमती कोरसा को दिया जाएगा)।

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक

महेश राम साहू (सेवानिवृत्त निरीक्षक, विशेष शाखा, पुलिस मुख्यालय) और ज्ञानेन्द्र कुमार अवस्थी (रिटायर्ड एआईजी, पीएचक्यू) को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक प्रदान किया जाएगा।

भारतीय पुलिस पदक (सराहनीय सेवा) प्राप्तकर्ता

अनिल कुमार कश्यप (डीएसपी, मुख्यालय), हरिशंकर प्रताप सिंह (निरीक्षक, विशेष मुख्यालय), नरेश कुमार पैकरा (कंपनी कमांडर, 7वीं वाहिनी, भिलाई), वली मोहम्मद शेख (निरीक्षक, योजना प्रबंध मुख्यालय), समैया चिपनपल्ली (एएसआई, नक्सल सेल, बीजापुर), सुशील कुमार श्रीवास (प्रधान आरक्षक, मुख्यालय), तुलाराम चुरेंद्र (प्रधान आरक्षक, रावघाट, कांकेर), हरीश चंद्र मरकाम (राजनांदगांव), और सुशील कुमार चौबे (आरक्षक, अअवि, पुलिस मुख्यालय)।

राज्य स्तरीय पुरस्कार विजेता

गुरु घासीदास पुरस्कार – मिशा सिन्हा (एसडीओपी, गरियाबंद), राज्यपाल पुरस्कार – मंजूलता राठौर (डीएसपी, रायपुर), रानी सुबरन कुंवर पुरस्कार – मंजूलता राठौर (डीएसपी, रायपुर), मुख्यमंत्री पुरस्कार – रागिनी मिश्रा (एसडीओपी, धमतरी), शहीद वीर नारायण सिंह पुरस्कार – रविन्द्र कुमार अनंत (निरीक्षक, एजेके थाना, बिलासपुर), पुलिस महानिदेशक पुरस्कार – नर्मदा कोठारी (प्रधान आरक्षक, बालोद)।

इस अवसर पर पुलिस विभाग ने कहा कि इन पदकों के माध्यम से अफसरों और कर्मियों की बहादुरी, साहस और समर्पित सेवा को मान्यता दी जा रही है। दंतेवाड़ा के अधिकारियों का प्रमुख स्थान यह दर्शाता है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस बल कितनी प्रतिबद्धता और बहादुरी के साथ अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है।

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