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ट्रंप खत्म करना चाहते हैं भारत को मिला GSP का दर्जा

वॉशिंगटन
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि नई दिल्ली भारतीय बाजार के कई क्षेत्रों में अमेरिका को तार्किक और उपयुक्त बाजार उपलब्ध कराने में विफल रहा है।
- उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस को सोमवार को अपनी मंशा के बारे में बताते हुए कहा कि वह भारत और तुर्की को जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रिफरेंस (जीएसपी) के तहत दिया जाने वाला लाभार्थी विकासशील देश का दर्जा खत्म करने जा रहे हैं।
- यूएस हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स की स्पीकर नैंसी पेलोसी को लिखे एक पत्र में ट्रंप ने कहा कि उन्होंने तय किया था कि नई दिल्ली ने संयुक्त राज्य अमेरिका को यह आश्वस्त नहीं किया है कि वह भारत के बाजारों में अमेरिका को न्यायसंगत और उचित पहुंच मुहैया कराएगा।
- मैं यह आकलन करना लगातार जारी रखूंगा कि क्या भारत सरकार ने जीएसपी पात्रता मानदंड के अनुसार, अपने बाजारों में अमेरिकी समान को उचित पहुंच दी है या नहीं। इस पत्र की एक कॉपी प्रेस को जारी की गई थी।
- एक अलग पत्र में ट्रंप ने कांग्रेस को जानकारी दी है कि वह तुर्की के जीएसपी लाभार्थी दर्ज को भी खत्म करना चाहते हैं।
- उन्होंने कहा कि यह मुख्य रूप से इसलिए जरूरी है कि पिछले करीब साढ़े चार दशकों में तुर्की की अर्थव्यवस्था में काफी सुधार हुआ है।
- प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय में वृद्धि, गरीबी की दर में गिरावट और व्यापारिक साझेदार और क्षेत्र द्वारा निर्यात विविधीकरण तुर्की के आर्थिक विकास के स्तर में वृद्धि के सभी प्रमाण हैं।
- पेलोसी को लिखे ट्रंप के पत्र को अमेरिका-भारत के द्विपक्षीय संबंधों में बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है, खासतौर पर व्यापार और अर्थव्यवस्था के लिहाज से।
- बताते चलें कि अमरिका के जीएसपी कार्यक्रम के तहत भारत को टैरिफ में रियायतें मिली हैं। करीब 5.6 अबर डॉलर (40 हजार करोड़) रुपए का सामान अमेरिका में निर्यात करने पर टैरिफ में रियायत दी जाती है।
- साल 1970 में बनाई गई योजना के तहत लाभ पाने वाला भारत विश्व का सबसे बड़ा देश है।
- भारत की व्यापार और निवेश नीतियों के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाते हुए अमेरिका ने अपनी जीरो टैरिफ नीति को खत्म करने के लिए 6 फरवरी को मंथन शुरू किया था।
- इस नीति के तहत भारत से निर्यात होने वाले सामान पर टैरिफ नहीं लिया जाता।