विदेशी मेहमानों ने किया बस्तर की जनजातीय संस्कृति का अनुभव, धनकुल एथनिक रिजॉर्ट की थीम ने किया मंत्रमुग्ध

रायपुर। बेल्जियम से आए पर्यटकों का एक दल कोंडागांव के धनकुल एथनिक रिजॉर्ट पहुंचा, जहां उन्होंने बस्तर की जनजातीय संस्कृति और जीवनशैली को करीब से महसूस किया। पर्यटकों ने रिजॉर्ट में बने ट्राइबल म्यूजियम का अवलोकन किया और स्थानीय कला, परंपराओं व जीवन दर्शन की झलकियों को सराहा।
रिजॉर्ट की अनूठी थीम और प्राकृतिक वातावरण ने विदेशी मेहमानों को गहराई तक प्रभावित किया। उनका स्वागत पारंपरिक अंदाज़ में गुड़हल की चाय से किया गया, जिसे उन्होंने बस्तर की गर्मजोशी भरी मेहमाननवाज़ी का प्रतीक बताया।
पर्यटकों ने कहा कि बस्तर की हरियाली, जंगल और जनजातीय संस्कृति का संगम उनके लिए अविस्मरणीय अनुभव रहा। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें यकीन नहीं था कि आज की आधुनिक दुनिया में भी प्रकृति और परंपरा का इतना जीवंत रूप देखने को मिल सकता है।
दल ने पूरे बस्तर क्षेत्र को गहराई से जानने की इच्छा जताई और कहा कि वे दोबारा यहां लौटना चाहेंगे। उन्होंने स्थानीय प्रशासन, पर्यटन विभाग और राज्य सरकार की व्यवस्थाओं व आतिथ्य के लिए आभार व्यक्त किया।




