वैश्विक मंच पर भारत की धमाकेदार एंट्री: अमेरिका और कतर के साथ दो बड़े ट्रेड समझौते की दस्तक!

भारत की वैश्विक व्यापार रणनीति को नया बल मिल रहा है। एक ओर जहां अमेरिका के साथ ऐतिहासिक ‘सुपर ट्रेड डील’ की उम्मीदें तेज़ हो गई हैं, वहीं दूसरी ओर कतर के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। इन दोनों फ्रंट पर भारत के लिए निर्यात, निवेश और आर्थिक स्थिरता के बड़े दरवाज़े खुल सकते हैं।
🇮🇳🤝🇺🇸 भारत-अमेरिका: ‘सुपर ट्रेड डील’ की ओर
नीति आयोग के CEO बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने संकेत दिया है कि भारत और अमेरिका एक व्यापक द्विपक्षीय व्यापार समझौते की दिशा में तेज़ी से बढ़ रहे हैं। अगर सबकुछ योजना के मुताबिक चला, तो यह डील नवंबर 2025 तक हो सकती है।
क्या होगा फायदा?
टैरिफ वॉर से राहत
व्यापार नीति में लचीलापन
भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त
🇮🇳🤝🇶🇦 भारत-कतर FTA: नए युग की शुरुआत
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की कतर यात्रा के दौरान FTA वार्ताओं में बड़ा उछाल देखने को मिला है। लक्ष्य है कि 2026 की तीसरी तिमाही तक यह समझौता अंतिम रूप ले ले।
2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 14 अरब डॉलर से बढ़ाकर 30 अरब डॉलर करना
ऊर्जा, एग्रीकल्चर, फार्मा, AI और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में नए मौके
कतर का भारत में निवेश बढ़ाना
👉 अब तक कतर भारत में $4-5 अरब डॉलर का निवेश कर चुका है और $1-1.5 अरब डॉलर की परियोजनाएं अंतिम चरण में हैं।
भारत अपनी “Act Global” नीति को तेजी से अमल में ला रहा है। अमेरिका और कतर जैसे रणनीतिक साझेदारों के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध न केवल आर्थिक दृष्टि से फायदेमंद हैं, बल्कि भारत के वैश्विक प्रभाव को भी मज़बूत करेंगे।