इंदौर नगर निगम ने ‘बल्ला कांड’ के विवादित जर्जन मकान को ढहाया
इंदौर
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में गत 26 जून को बहुचर्चित बल्ला कांड की जड़ रहे जर्जर मकान को इंदौर नगर निगम ने शुक्रवार को जमींदोज कर दिया। इससे पहले नगर निगम के फैसले पर रोक लगाए जाने की गुहार वाली याचिका को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था। हालांकि कोर्ट ने इस मुहिम से प्रभावित होने वाले परिवार को फौरी राहत प्रदान करते हुए शहरी निकाय को आदेश दिया कि मकान ढहाए जाने से पहले उसे अस्थायी निवास की वैकल्पिक सुविधा मुहैया कराई जाए।
उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति रोहित आर्य ने करीब सवा घंटे तक दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद इस आशय का फैसला सुनाया। प्रभावित परिवार के वकील पुष्यमित्र भार्गव ने संवाददाताओं को बताया, ‘अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि जर्जर मकानों को ढहाने की इंदौर नगर निगम की मुहिम चूंकि जनता के व्यापक हितों में है इसलिए वह इस अभियान में दखल नहीं देगी।’
उन्होंने कहा, ‘अदालत ने मामले से संबंधित गंजी कम्पाउंड क्षेत्र के मकान को ढहाए जाने पर स्थगन आदेश पारित किए जाने की हमारी गुहार हालांकि कबूल नहीं की। लेकिन नगर निगम को आदेश दिया कि वह प्रभावित परिवार के लिए दो दिन के भीतर वैकल्पिक निवास की व्यवस्था करे। इस अस्थायी निवास में यह परिवार तीन महीने तक रह सकता है।’
प्रभावित परिवार गंजी कम्पाउंड क्षेत्र के विवादग्रस्त मकान में किरायेदार की हैसियत से पिछले कई वर्षों से रह रहा है। उसने उच्च न्यायालय में दायर याचिका में कहा कि शहरी निकाय ने उसका घर ढहाने का निर्णय करने से पहले उसे नियम-कायदों के तहत सुनवाई का पर्याप्त मौका नहीं दिया। गंजी कम्पाउंड क्षेत्र के इसी मकान को ढहाने की मुहिम के विरोध के दौरान स्थानीय बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय (34) ने बड़े विवाद के बाद नगर निगम के एक भवन निरीक्षक को क्रिकेट के बैट से पीट दिया था।
आकाश विजयवर्गीय, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं। वह बल्ला कांड में जिला जेल से रविवार सुबह जमानत पर रिहा हुए थे। नगर निगम अधिकारियों ने बताया कि गंजी कम्पाउंड क्षेत्र के जर्जर भवन और शहर के अन्य कई मकानों को ढहाने का फैसला इसलिए किया गया, क्योंकि ये बरसों पुरानी इमारतें बारिश के मौसम में जान-माल के लिये खतरनाक साबित हो सकती हैं।
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी के बाद अब आकाश विजयवर्गीय पर किसी सख्त कार्रवाई के कयास लगाए जा रहे हैं। इस मामले पर पार्टी के नेताओं ने भले ही चुप्पी साथ रखी हो, मगर सियासी गलियारे में हलचल तेज है। आकाश के साथ बीजेपी के उन नेताओं पर कार्रवाई के आसार बनने लगे हैं, जिन्होंने खुले तौर पर आकाश के समर्थन में मोर्चा संभाला था।