- मुख्यमंत्री ने कहा मोदी जी किसानों को हर साल सिर्फ़ 6000 देना चाहते हैं और राहुल जी ग़रीबों को 72000 देने की बात कर रहे हैं
- जो कहा, सो किया और जो कहेंगे, सो करेंगे
- कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जी ने देश के ग़रीबों के लिए एक नई योजना ‘न्याय’ की घोषणा की है.
- यह वही ‘न्यूनतम आय योजना’ है जिसकी घोषणा राहुल गांधी जी ने रायपुर के किसान सम्मेलन में की थी.
- राहुल गांधी की इस घोषणा से साबित हो गया है कि देश के ग़रीबों, किसानों और आदिवासियों की चिंता सिर्फ़ कांग्रेस पार्टी कर सकती है.
- इससे पहले राहुल जी ने छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में किसानों का कर्ज़ माफ़ करने की घोषणा की थी और हमें ख़ुशी है कि सरकार बनने के दस दिनों के भीतर ही किसानों के खातों में पैसा जाना शुरु हो गया था.
- राहुल जी के निर्देश पर ही हमारी सरकार ने किसानों को धान का मूल्य 2500 रुपए प्रति क्विंटल देने का फ़ैसला किया. यह देश में सबसे अधिक है.
- एक ओर देश में भारतीय जनता पार्टी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, जिनका एजेंडा गिने चुने उद्योगपतियों और कारोबारियों का कर्ज़ माफ़ करना है.
- जब किसानों को देने की बारी आती है तो वे एक साल में छह हज़ार रुपए देने की बात करते हैं. यानी हर दिन साढ़े तीन रुपए देने की बात करते हैं.
- किसानों का कर्ज़ माफ़ करने और किसानों को बोनस देने पर उन्हें आपत्ति होती है.
- ग़रीबी दूर करने में मददगार होगी
- अगर केंद्र में कांग्रेस की सरकार आई तो इस योजना ‘न्याय’ को लागू किया जाएगा.
- इसके तहत देश के 20 प्रतिशत ग़रीब लोगों को हर साल 72000 रुपए की आर्थिक मदद की जाएगी.
- जैसा कि राहुल गांधी जी ने कहा, हर धर्म, हर जाति और हर संप्रदाय के ग़रीब लोगों के बैंक खातों में यह राशि सीधे डाल दी जाएगी.
- इसके लिए न्यूनतम आय की सीमा 12000 तय की गई है. तो 12000 से जितनी आमदनी कम होगी, उसकी भरपाई सरकार की ओर से की जाएगी. उदाहरण के तौर पर यदि किसी परिवार की मासिक आय 6000 है तो शेष 6000 की राशि सरकार की ओर से दी जाएगी.
- जैसा कि कांग्रेस नेतृत्व ने कहा है इस योजना के बारे में दुनिया भर के आर्थिक मामलों के विशेषज्ञों से चर्चा हो चुकी है और यह आर्थिक रूप से संभव योजना है.
- कांग्रेस ही सोचती है ग़रीबों के लिए
- कांग्रेस ने ही हमेशा ग़रीबों की चिंता की है. किसानों और आदिवासियों की चिंता की है.
- मोदी सरकार भी आर्थिक सर्वेक्षण में स्वीकार कर चुकी है कि कांग्रेस के शासनकाल में ग़रीबी की दर घटी.
- जब देश आज़ाद हुआ तो देश में 70 प्रतिशत लोग ग़रीब थे जबकि 2011-12 में घटकर 22 प्रतिशत हो चुके थे.
- देश में मनरेगा की योजना कांग्रेस लेकर आई. खाद्य सुरक्षा क़ानून बना, शिक्षा को अधिकार बनाया.
- यूपीए सरकार के दस वर्षों में देश की 14 करोड़ आबादी ग़रीबी रेखा से बाहर निकल सकी.
- कांग्रेस पार्टी चाहती है कि इस देश में हर किसी को ग़रीबी से छुटकारा पाने का अवसर मिलना चाहिए और इसके लिए हर संभव सहायता मिलनी चाहिए
- लक्ष्य है कि न्याय योजना के ज़रिए 25 करोड़ परिवारों को ग़रीबी रेखा से बाहर निकाला जा सकेगा.
- छत्तीसगढ़ की ग़रीब आबादी को मिलेगा लाभ
- यह आंकड़ों में है कि छत्तीसगढ़ देश का सबसे ग़रीब राज्य है. नीति आयोग के अनुसार यह क़रीब 40 प्रतिशत आबादी ग़रीबी रेखा से नीचे है.
- हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले साल कह गए थे कि यहां 50 प्रतिशत आबादी ग़रीबी रेखा के नीचे रहती है.
- यह 15 साल के भारतीय जनता पार्टी के कुशासन की वजह से हुआ है.
- हमें विश्वास है कि देश में कांग्रेस की सरकार बनेगी और ‘न्याय’ योजना लागू होगी.
- इससे छत्तीसगढ़ के ग़रीबों को लाभ पहुंचेगा और वे अपने दम पर ग़रीबी से मुकाबला कर सकेंगे.
- छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने पहले से ही इस लक्ष्य पर काम करना शुरु किया है और किसानों से लेकर तेंदूपत्ता मज़दूरों तक सबको मदद बढ़ाई है.
- हमने 15 लघु वनोपजों का समर्थन मूल्य घोषित किया है.
- हमें विश्वास है कि राज्य के साथ केंद्र में भी कांग्रेस की सरकार आएगी और हम जनहित की और योजनाएं लागू कर सकेंगे.
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