
जगदलपुर : बस्तर संभाग में सभी 12 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान संपन्न हो चुका है और इस बार बढ़-चढक़र जिस प्रकार से मतदाताओं ने अपना वोट डाला है। उससे बड़े राजनीतिक पंडित भी चकित हैं और इस भारी मतदान से हर प्रत्याशी अपनी जीत-हार का अनुमान लगाने में व्यस्त हो गया है। लेकिन परेशानी यह है कि वे किसी अंतिम बिंदु पर निष्कर्ष की परिणिति पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसके साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों में भी कोई सटीक अनुमान लगाने में सफल नहीं हो पा रहा है।
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भारी मतदान को प्रजातंत्र के लिए शुभ संकेत मानते हुए प्रजातंत्र पर विश्वास करने वालों ने इसे प्रजातांत्रिक व्यवस्थाओं की जीत बताया है। लेकिन यह भारी मतदान किसके पक्ष में हुआ है और कौन जीत रहा है इसका अनुमान लगाने में वे भी विफल है।उल्लेखनीय है कि इस बार भारी मतदान का आंकड़ा 76 प्रतिशत से ऊपर बस्तर में रहा है,
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यह भारी मतदान यह भी बता रहा है कि नक्सलियों ने किसी अपनी चुनावी रणनीति के तहत तो ग्रामीणों को मतदान करने के लिए किसी पक्ष विशेष में वोट डालने के लिए प्रेरित किया हो और वे इस संबंध में और अधिक कुछ कहने की स्थिति में नहीं है। इस प्रकार सभी दलों व उम्मीदवारों के अपने अपने दावे हैं और सभी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। 11 दिसंबर को जब परिणाम सामने आयेंगे तभी पता चल सकेगा कि किसके पक्ष में मतदान हुआ और कौन जीता, कौन हारा।