
रायपुर
- झीरम घाटी नरसंहार की जांच कर रहे न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्र न्यायिक जांच आयोग को सरकार ने आठ बिंदुओं पर जांच कराने को पत्र सौंपा है। सरकार ने कहा है कि यूनिफाइड कमांड की भूमिका को जांच में शामिल किया जाए। इसमें नवंबर 2012 में महेंद्र कर्मा पर हुए हमले के बाद क्या उनकी सुरक्षा की समीक्षा प्रोटेक्शन रिव्यू ग्रुप ने की थी?
- महेंद्र कर्मा पर हुए हमले के बाद उनके द्वारा मांगी गई अतिरिक्त सुरक्षा की मांग पर किस स्तर पर विचार व निर्णय किया गया था और क्या कार्रवाई की गई थी? गरियाबंद जिले में जुलाई 2011 में दिवंगत नंद कुमार पटेल के काफिले पर हुए हमले के बाद क्या पटेल व उनके काफिले की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपलब्ध कराई गई थी?
- क्या उन अतिरिक्त सुरक्षा मानकों का पालन झीरम घाटी घटना के दौरान किया गया था? क्या राज्य में पूर्व में किए गए बड़े माओवादी हमलों को ध्यान में रखते हुए उन इलाकों में यात्रा आदि के लिए किसी निर्धारित संख्या में या उससे भी अधिक बल प्रदान करने के कोई दिशा-निर्देश थे?
- यदि हां तो उनका पालन किया गया था? यदि नहीं, तो क्या पूर्व में बड़े हमलों की समीक्षा कर कोई कदम उठाए गए थे? 25 मई 2013 को बस्तर जिले में कुल कितना पुलिस बल मौजूद था?
- क्या परिवर्तन यात्रा कार्यक्रम की अवधि में बस्तर जिले से पुलिस बल दूसरे जिलों में भेजा गया था? यदि हां तो किस कारण से और किसके आदेश थे? क्या इसके लिए सक्षम स्वीकृति प्राप्त की गई थी?
- क्या माओवादी किसी बड़े आदमी को बंधक बनाने के बाद उन्हें रिहा करने के बदले में अपनी मांग मनवाने का प्रयास करते रहे हैं? नंद कुमार पटेल एवं उनके पुत्र के बंधक होने के समय ऐसा नहीं करने का कारण क्या था?
- सुकमा के तत्कालीन कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन के अपहरण एवं रिहाई में किस तरह के समझौते माओवादियों के साथ किए गए थे? क्या उनका कोई संबंध दिवंगत महेंद्र कर्मा की सुरक्षा से था?