
कांकेर/भानुप्रतापपुर : कांकेर जिले में 3 दिनों से नक्सली दहशत अपनी चरम पर है नक्सली लगातार घटना को।अंजाम दे रहे है साथ ही लगातार बेनर पोस्टर लगाकर दहशत फैलाने का काम रहे है ऐसे में बडग़ांव थानाक्षेत्र के मदले गांव में 23 मई को नक्सलियों के द्वारा लगाए गए बैनर पोस्टर अभी भी गांव में झूल रहे है , गांव के प्राथमिक शाला के प्रांगण में नक्सली पर्चे 3 दिनों से पड़े हुए है और अब तक पुलिस मौके पर नही पहुँची है जिससे पूरे गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है ।
वही पुलिस के आला अधिकारियों का कहना है कि गांव में बेनर पोस्टर लागए जाने की जानकारी अब तक उनके पास नही पहुची है। जिस गांव में नक्सलियों ने बेनर पोस्टर लगाए है वहा से कुछ ही दूरी पर बीएसएफ के कैंप भी है उसके बाद भी पुलिस को जानकारी नही होने की बात हैरान करने वाली है ।
23 मई को नक्सलियों के द्वारा लगाए गए बैनर पोस्टर अभी भी गांव में झूल रहे है
25 मई को 6 राज्यो में नक्सलियों ने बन्द का आव्हान किया था और इसके संबंध में ही नक्सलियों ने मदले गांव में बेनर पोस्टर लगाए है साथ ही बड़ी संख्या में पर्चे भी फेके है , लेकिन अब तक पुलिस पार्टी के मौके पर नही पहुचने से यहां के ग्रामीणों के दहशत का माहौल बना हुआ है ।उसके बाद मुख्यमंत्री विकास यात्रा को देख कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद विक्रमदेव उसेंडी का फार्म हाउस को विस्फोट कर क्षति पहुंचाया गया।और उसी दरमियान कोयलीबेड़ा ब्लाक के पानीडोबीर क्षेत्र के एक सरपंच को पुलिस का मुखबिरी करने के आरोप मे उसकी हत्या कर दिया गया।
नक्सलियों ने मदले गांव में बेनर पोस्टर लगाए है साथ ही बड़ी संख्या में पर्चे भी फेके है
साथ ही 24मई दुर्गूकोंदल ब्लाक के ग्राम कोण्डे मे लगी जीओ की टावर मे लगे बैटरी सहित मशीन मे आग लगा दिया गया विकास यात्रा को बहिष्कार करते हुवे घटनास्थल मे बैनर पोस्टर फेककर 6राज्यों मे बंद का एलान किया गया था।लेकिन जवानों की सुरक्षा व्यवस्था के चलते कांकेर भानुप्रतापपुर.अंतागढ़ कोयलीबेड़ा बांदे नारायणपुर सहित सभी तरफ चलती रही गाडियां कहीं भी नही दिखा बंद का असर।
लेकिन घटना क्षेत्रों मे अभी दहशत बनी हुई है।
2 ) दंतेवाड़ा : चोलनार गांव जहां आज भी खेती और विकास कार्य नक्सलियों की मर्जी से होते हैं
दंतेवाड़ा : दक्षिण बस्तर के दंतेवाड़ा के तहत आने वाले ग्राम चोलनार से पालनार तक सडक़ बनाने में अभी भी बहुत बड़ी चुनौती है और इस क्षेत्र में नक्सलियों का आंतक इस कार्य में सबसे बड़ी रूकावट है। जानकारी के अनुसार कलेपाल ग्राम पंचायत के आश्रित गांव चोलनार से पिछले दिनों पालनार तक सडक़ बनाने का कार्य सुरक्षा के घेरे में शुरू हुआ। इसी के साथ नक्सलियों ने इस सडक़ को अपने प्रभाव क्षेत्र में कमी मानते हुये 15-20 दिन पहले ही चोलनार-पालनार तक सडक़ बनाने के कार्य को 7 जवानों को बारूदी सुरंग से उड़ाकर कार्य को ठप कर दिया है।
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उल्लेखनीय है कि इस अंचल में नक्सलियों का प्रभाव इतना अधिक है कि ग्रामीणों को उनकी आज्ञा अनुसार ही अपना खेती कार्य करना पड़ता है। विस्फोट की घटना के बाद मीडिया के कुछ लोगों ने यहां आकर निरीक्षण किया तो पाया कि गांव में फिर से सन्नाटा छाया हुआ है और आतंक का वातावरण है। यहां गिनती के ग्रामीण मिले, जो कुछ भी कहने से बचते रहे। विकास संबंधित सडक़, पुल-पुलिया, पीएम आवास, शौचालय जैसे विकासात्मक कार्यो का नक्सली सर्वथा विरोध करते हैं और आज भी कर रहे हैं। इस प्रकार अंचल के ग्रामीण नक्सलियों की मर्जी के बिना कुछ भी कर नहीं सकते और उनके विरूद्ध कुछ बोल भी नहीं सकते।