कांकेर: लॉकडाउन में स्वसहायता समूहों की महिलाओं ने कमाए 74 हजार रुपए

- गौठानों में सब्जियों की खेती से स्वसहायता समूहों की महिलाओं ने कमाए 74 हजार
- मल्टी एक्टिविटी सेंटर के रूप में विकसित हो रहे हैं गौठान
रायपुर, कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने देशव्यापी लॉक-डाउन के दौरान जब रोजगार की अधिकांश गतिविधियां ठप्प हैं, तब ऐसे समय में कांकेर जिले के स्वसहायता समूहों की महिलाओं ने गौठानों में सब्जियों की खेती कर 74 हजार 600 रूपए कमाए हैं। जिले के 17 गौठानों में 34 स्वसहायता समूह सब्जी उत्पादन कर रही हैं। लॉक-डाउन के दौर में ये महिलाएं अपने गांव के साथ ही आसपास के गांवों में भिण्डी, बरबट्टी, मिर्ची और कई प्रकार की भाजियों की आपूर्ति कर रही हैं। सब्जियों की बिक्री से नरहरपुर विकासखण्ड के ग्राम श्रीगुहान की जय मां लक्ष्मी स्वसहायता समूह को 12 हजार 400 रूपए और चारामा विकासखण्ड के मरकाटोला की ज्योति स्वसहायता समूह को नौ हजार 500 रूपए की आमदनी हुई है।
छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना के अंतर्गत विकसित किए जा रहे गौठान पशुधन के संरक्षण-संवर्धन के साथ ही रोजगार का भी केंद्र बन रहे हैं। इन्हें स्थानीय ग्रामीणों के रोजगार के लिए मल्टी एक्टिविटी सेंटर के रूप में तैयार किया जा रहा है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित स्वसहायता समूह की महिलाएं गौठानों और चारागाहों के लिए आरक्षित अतिरिक्त भूमि पर सब्जी उत्पादन के साथ ही मक्का उत्पादन, सीमेन्ट पोल निर्माण, मछली पालन और मशरूम उत्पादन कर कमाई कर रही हैं। इससे गांव में ही अनेक महिलाओं को स्थायी रोजगार मिल रहा है। गौठानों में कंपोस्ट खाद बनाने और फल-फूल व सब्जियों के उत्पादन के लिए बाड़ी विकास की भी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।
- गौठानों में सब्जियों की खेती से स्वसहायता समूहों की महिलाओं ने कमाए 74 हजार
- मल्टी एक्टिविटी सेंटर के रूप में विकसित हो रहे हैं गौठान
National Chhattisgarh Madhyapradesh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें
Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें और Youtube पर हमें subscribe करें।