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कोलकाता : टेस्ट क्रिकेट को मार रहा है कूकाबुरा का गेंद

कोलकाता : साउथ अफ्रीका के पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ भी मानते हैं कि टेस्ट क्रिकेट में बॉल की चॉलिटी की भूमिका अहम है। जगमोहन डालमिया सालाना कॉन्क्लेव में हिस्सा लेने आए ग्रीम स्मिथ ने क्रिकेट के हर मुद्दे पर बेबाकी से अपनी राय रखी। शुक्रवार को आयोजित हुई इस कॉन्क्लेव में स्मिथ ने टेस्ट क्रिकेट में बॉल की गुणवत्ता पर अपनी राय रखते हुए कहा कि उनका मानना है कि लाल बॉल के इस खेल में कूकाबुरा का गेंद टेस्ट क्रिकेट को खत्म कर रहा है।

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इस लेफ्टहैंडर बल्लेबाज ने कहा, कूकाबुरा का गेंद खेल को मार रहा है। मैं अपनी राय रखूं, तो टेस्ट क्रिकेट में बॉल बहुत बड़ा मुद्दा है। स्मिथ ने हाल ही में भारत में मचे ड्यूक बॉल पर हंगामे पर कहा, मैंने देखा कुछ लडक़े एसजी बॉल की शिकायत कर रहे हैं। ठीक इसी प्रकार कूकाबुरा का गेंद भी लोगों को निराश कर रहा है। कूकाबुरा का गेंद अब ऐसा है कि वह लंबे समय तक हार्ड नहीं बनी रहती और इसके चलते लंबे समय तक वह गेंद स्विंग नहीं हो पाती।

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स्मिथ ने कहा, टेस्ट क्रिकेट अब ड्रॉ से अपने अस्तित्व को नहीं बचा सकती। टेस्ट में परिणाम आएं इसके लिए जरूरी है कि बॉल स्विंग और स्पिन बनी रहे। गेंद में हमेशा ऐसा कुछ रहना चाहिए, जिससे वह हवा में भी हरकर करती रहे। बैट और बॉल के बीच प्रतिद्वंद्विता बने रहने पर ही टेस्ट क्रिकेट की प्रासांगिकता बनी रह सकती है।

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स्मिथ ने कहा, टेस्ट क्रिकेट कमजोर टीमों की पोल खोलकर रख देती है। 30 बॉल में 70 रन बनाकर आप क्रिकेट के छोटे प्रारूप में तो जीत सकते हैं लेकिन टेस्ट क्रिकेट में नहीं। यहां एक अलग ढंग की चुनौती होती है।स्मिथ ने यहां टी20 क्रिकेट की भी तारीफ की और कहा, टी20 प्रारूप भी खेल के लिए संपत्ति की तरह है। इसका वित्तीय प्रभाव खूब है और यह खूबसारी उकसाहट पैदा करता है। इस बीच टेस्ट क्रिकेट के रोमांच में आ रही कमी को लेकर उन्होंने कहा, इसका प्रमुख कारण यह भी है कि हमने कुछ शानदार टीमों को खो दिया है। मैं मानता हूं कि क्रिकेट के सभी प्रारूपों में बराबर की चुनौती रहनी चाहिए। तभी यह खेल अपना अस्तित्व बनाए रह सकता है।

इस मौके पर स्मिथ ने जगमोहन डालमिया और क्रिकेट की बेहतरी में किए गए उनके योगदान को भी याद किया। डालमिया ने साउथ अफ्रीका टीम के इंटरनैशनल क्रिकेट में लौटने पर काफी मदद की थी। स्मिथ ने कहा कि 1991 में मैं 12 साल का लडक़ा था, जब मैंने यहां देखा था कि हमारी टीम (साउथ अफ्रीका) क्लाइव राइस की कप्तानी में ईडन गार्डेंस के मैदान पर उतरी थी। यह पल साउथ अफ्रीका का इंटरनैशनल क्रिकेट में वापसी का था।

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