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कुरुद विधानसभा : अजय चंद्राकर का मज़बूत गढ़ बन चुका है कुरुद,क्या इस बार कांग्रेस लगा पाएगी सेंध ?

या कोई निर्दलीय मार जाएगा बाज़ी ?

नमस्कार दोस्तों, फोर्थ आई न्यूज़ में आप सभी का स्वागत है। दोस्तों आज विधानसभा सीटों के विश्लेषण सीरीज में हम आपके लिए लेकर आए हैं कुरुद विधानसभा सीट का विश्लेषण। कुरुद विधानसभा सीट भी हमारे छत्तीसगढ़ की महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों में से एक है। यह विधानसभा सीट छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के अन्तर्गत आती है।वर्तमान में इस सीट से अजय चंद्राकर विधायक हैं। वहीं इस संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं चुन्नीलाल साहू, जो भारतीय जनता पार्टी से हैं। उन्होंने इंडियन नेशनल कांग्रेसके धनेंद्र साहू को 90511 से हराया था।

साल 2003 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी के अजय चंद्राकर ने 56247 वोटों से इस सीट पर जीत दर्ज की थी उन्होंने कांग्रेस की भूलेश्वरी दीपा साहू को हराया था जिन्हें उस चुनाव में कुल 53538 वोट मिले थे। मगर साल 2008 का विधानसभा चुनाव अजय चंद्राकर के लिए कुछ खास नहीं रहा। उस चनाव में उनका मुकाबला कांग्रेस के लेखराम साहू से था। कांग्रेस ने तो इस चुनाव में पिछले चुनाव की हार से सबक लेकर अपना प्रत्याशी बदल दिया था मगर बीजेपी ने अपने सिटिंग एमएलए चंद्राकर पर दोबारा भरोसा जताया जो इस बार पार्टी को भारी पड़ गया। साल 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लेखाराम साहू को 64299 वोट मिले और वो पहली बार इस सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे, वहीँ तत्कालीन विधायक अजय चंद्राकर को 58094 वोटों से ही संतोष करना पड़ा।

फिर आया साल 2013 का विधानसभा चुनाव, इसके पिछले चुनाव की हार से अजय चंद्राकर वैसे ही बौखलाए हुए थे। इस चुनाव में कांग्रेस ने अपने सिटिंग एमएलए पर भरोसा जताते हुए लेखाराम साहू, को दोबारा मैदान में उतारा वहीं बीजेपी से एक बार फिर अजय चंद्राकर ने ताल ठोकी। कांग्रेस के लेखराम साहू को इस बार मात्र 56013 वोट मिले जबकि बीजेपी के अजय चंद्राकर के पाले में कुल 83190 वोट आए और इस तरह वो एक बड़ी लीड के साथ यह चुनाव जीते। और दोबारा कुरुद की विधायकी कायम की।

और अब बात करते हैं बीते चुनाव यानि 2018 की। यह चुनाव दो पार्टियों के बीच ना होकर त्रिकोणीय संघर्ष का चुनाव था. इस बार बीजेपी से एक बार फिर सिटिंग विधायक अजय चंद्राकर ही प्रत्याशी थे तो वहीं कांग्रेस ने लक्ष्मीकांत साहू को मौका दिया। लेकिन इस बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नीलम चंद्राकर के चुनावि मैदान में उतरने से समीकरण बदलते नज़र आए। बीजेपी के अजय चंद्रकार ने इस बार 72922 वोटों से जीत दर्ज की। निर्दलीय प्रत्याशी इस बार कांग्रेस से भी आगे निकल गई। नीलम चंद्रकार को कुल 60605 वोट मिले तो वहीं कांग्रेस के लक्ष्मीकांत साहू के खाते में मात्र 26483 वोट ही आ पाए।

दोस्तों अब चुनावी साल फिर आ चूका है। इस बार साल 2023 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में क्या एक बार फिर कमल खिलेगा ? या फिर पंजे को जनता का साथ मिलेगा ? क्या इन दोनों दलों के अलावा पिछले चुनाव की तरह कोई निर्दलीय भी इस बार चुनाव के नतीजों को प्रभावित कर सकता है या फिर कोई नया चेहरा कुरुद में इस बार बाज़ी मार सकता है ?

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