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छत्तीसगढ़ में सट्टे का नया अड्डा: महादेव बुक के बाद ‘शिवा बुक’ की एंट्री, दुर्ग-नागपुर से दुबई तक जुड़े तार

रायपुर। छत्तीसगढ़ में महादेव बुक एप के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के बाद लगा था कि ऑनलाइन सट्टा नेटवर्क कमजोर पड़ेगा। लेकिन अब पुलिस के सामने एक और बड़ा नाम आ गया है—‘शिवा बुक’।

जांच में सामने आया है कि इस नए एप के जरिए करीब 20 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन किया गया। और ये लेनदेन महज राज्य या देश तक सीमित नहीं है। इसके तार दुर्ग और नागपुर होते हुए दुबई तक जुड़ते नजर आ रहे हैं।

नागपुर के फ्लैट से चल रहा था रैकेट

खैरागढ़ पुलिस की तफ्तीश में पता चला कि आरोपियों ने नागपुर में एक फ्लैट किराए पर ले रखा था। यहीं से लैपटॉप और मोबाइल के जरिए ‘शिवा बुक’ का संचालन हो रहा था। 11 जुलाई को नागपुर में छापा मारकर पुलिस ने 6 आरोपियों को पकड़ा, जो सभी छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं।

पकड़े गए आरोपियों के नाम इस तरह हैं:

क्षत्रपाल पटेल (डोंगरगढ़)

निकुंज पन्ना (जशपुर)

समीर बड़ा (जशपुर)

धनंजन सिंह (सुपेला, दुर्ग)

चंद्रशेखर अहिरवार (सुपेला, दुर्ग)

डूमेश श्रीवास (सुपेला, दुर्ग)

महादेव बुक’ वाला ही सर्वर, वही सोर्स कोड

जांच में सबसे चौंकाने वाली बात यह निकली कि जिस सर्वर से ‘महादेव बुक’ चलता था, उसी सर्वर से ‘शिवा बुक’ भी ऑपरेट हो रहा था। पुलिस ने तकनीकी जांच में पाया कि महादेव, अन्ना रेड्डी, लोटस, शिवनाथ और शिवा बुक जैसे एप एक ही सोर्स कोड से बने हैं और एक ही नेटवर्क में काम कर रहे हैं।

यह भी अंदेशा है कि इस नेटवर्क का इस्तेमाल हवाला, ड्रग्स और बिटकॉइन के संदिग्ध लेनदेन के लिए भी हो सकता है। पुलिस इस एंगल की भी गंभीरता से जांच कर रही है।

ऐसे खुली शिवा बुक की पोल
18 जून को खैरागढ़ थाना क्षेत्र में पुलिस ने ऑनलाइन जुआ खेल रहे एक युवक को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में ‘शिवा बुक’ का नाम सामने आया। इसके बाद पुलिस ने एप के सर्वर को ट्रेस किया और दुर्ग और नागपुर में इसकी दो शाखाओं का पता लगाया। नागपुर में कार्रवाई कर छह लोगों को पकड़ा गया और बड़ा रैकेट सामने आया।

अभी और गिरफ्तारियां होंगी

खैरागढ़ एसपी लक्ष्य शर्मा ने बताया: 18 जून को हमारी टीम ने एक ऑनलाइन सट्टा खेल रहे युवक को पकड़ा था। वहां से मिले सुरागों पर हमने सर्वर को ट्रेस किया और नागपुर और दुर्ग की दो ब्रांचों की पहचान हुई। नागपुर से 6 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। लेकिन जांच अभी जारी है और इसमें और भी कार्रवाई होगी।

दुर्ग-नागपुर से दुबई तक नेटवर्क!

एजेंसियों को शक है कि इस नेटवर्क का दायरा सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है। शुरुआती जांच में इसके तार दुबई तक जुड़ते दिख रहे हैं। पुलिस जब्त किए गए मोबाइल, लैपटॉप और बैंक खातों की डिटेल्स खंगाल रही है ताकि हवाला, ड्रग्स और बिटकॉइन के लेनदेन जैसे पहलुओं की भी पड़ताल की जा सके।

छत्तीसगढ़ में महादेव बुक के ब्लॉक होने के बाद सट्टेबाजों ने ‘शिवा बुक’ को नया ठिकाना बना लिया था। पुलिस का दावा है कि इन सभी एप्स के पीछे एक ही बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है, जो राज्य की सीमा लांघ कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला है।

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