छत्तीसगढ़

गांवों के गरीब बच्चे कला के गुर सीख रहे हैं, चक्रधर कत्थक कल्याण केन्द्र ने निशुल्क कला शिविर

राजनांदगांव। स्थानीय चक्रधर कत्थक कल्याण केन्द्र द्वारा गांवों में निवास कर रहे किसान, मजदूर एवं गरीब बच्चों को राजनांदगांव जिला के कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा की प्रेरणा से एवं पद्मविभूषण पं. बिरजू महराज के शिष्य डॉ. कृष्ण कुमार सिन्हा के संयोजन में संस्कार 2022 दस दिवसीय नि:शुल्क कला शिविर का आयोजन 5 जून से निरंतर जारी है एवं 14 जून 2022 को शिविर का समापन चक्रधर कत्थक कल्याण केन्द्र के नवीन परिसर ग्राम सांकरा सोमनी में शाम पांच बजे किया जाना है। इस नि:शुल्क कला शिविर में सुबह 6 बजे से आर्ट ऑफ लिविंग की सुश्री प्रभा ठाकुर प्रमुख प्रशिक्षक के रूप में ग्रामीण बच्चों को ध्यान व योग व व्यक्तित्व निर्माण का बच्चों को प्रशिक्षण नि:शुल्क दे रही है।

नि:शुल्क कला शिविर में चार कला विद्याओं में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 1. राष्ट्रभक्ति, गीत प्रशिक्षण युवा संगीतकार योगेश कुमार ठावरे प्रमुख प्रशिक्षक एवं सतीश धीवर सहायक प्रशिक्षक के रूप में प्रशिक्षण दे रहे हैं, लोकगीत विशेषकर जन्म एवं विवाह संस्कार गीत का प्रमुख प्रशिक्षण खिलेन्द्र कुमार डेहरिया है वहीं लोकनृत्य, लोकगीत में विनोद कुमार सुधाकर प्रमुख प्रशिक्षक हैं और सहायक के रूप में खिलावन साहू प्रशिक्षण दे रहे हैं।चित्रकला में कामना सिंग राजपूत प्रमुख प्रशिक्षक हैं एवं सहायक विक्की बघेल है। वहीं कबाड़ से जुगाड़ एवं क्राप्ट का प्रमुख रूप से डोंरेश्वर शुक्ला और हेमराय वर्मा बच्चों को प्रशिक्षण दे रहे हैं।

चक्रधर कत्थक कल्याण केन्द्र भारतीय कला एवं संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए संस्था के संस्थापक डॉ. कृष्ण कुमार सिन्हा के नेतृत्व में विगत अड़तीस वर्षो से कार्य कर रही है ताकि गरीब बच्चे कलात्मक अभिरूचि नेतृत्व क्षमता, कौशल उन्नयन एवं रोजगार परक हुनर (कला) सीख सके।

इन भावना को लेकर विगत तीस वर्षो से गरीब बच्चों के लिए नि:शुल्क कला शिविर का आयोजन किया जा रहा है। रानी सूर्यमुखी देवी राजगामी सम्पदा ट्रस्ट राजनांदगांव का विशेष सहयोग से चक्रधर कत्थक कल्याण केन्द्र इस वर्ष से शिक्षा एवं कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों के लिए दो सम्मान करने जा रही है। शिक्षा एवं कला के क्षेत्र में योगदान के लिए लोक गायिका अनुराग ठाकुर (चौहान) को रानी सूर्यमुखी सम्मान एवं छत्तीसगढ़ी लोक संगीत को भारत वर्ष में प्रचारित प्रसारित करने वाले संगीत सर्जक स्व. खुमान लाल साव की स्मृति में रंगमंच, शिक्षा एवं संगीत के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अमरदास गढ़पायले (गुरूजी) को सम्मानित करने जा रही है। उपरोक्त जानकारी संस्था के तुषार सिन्हा ने दी।

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