देशबड़ी खबरें

लखनऊ : जज लोया केस मामले में देश से माफी मांगे राहुल: सीएम योगी

लखनऊ  : सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीबीआई स्पेशल कोर्ट के जज बीएच लोया की मौत पर एसआईटी जांच की मांग को ख़ारिज किए जाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कांग्रेस की पोल एक बार फिर खुल गई है. राहुल गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा

लखनऊ में मीडिया से बातचीत में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, जज लोया मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने कांग्रेस की झूठ को उजागर कर दिया है. राहुल गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए. कांग्रेस ने देश के लोगों में सरकार के खिलाफ नकारात्मक माहौल बनाने की कोशिश की. हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं.

राहुल गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए

गौरतलब है कि सीबीआई स्पेशल कोर्ट के जज बीएच लोया की मौत पर एसआईटी जांच की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. जज लोया की मौत की दोबारा जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं. जिसपर 16 मार्च को सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला 19 अप्रैल को फैसला सुनाया.

याचिकाएं दायर की गई थीं

दरअसल, सीबीआई के स्पेशल जज बीएच लोया सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे. उनकी मौत 1 दिसंबर 2014 को नागपुर में तब हुई थी, जब वे अपने सहयोगी की बेटी की शादी में जा रहे थे. बताया जाता है कि जज लोया को कार्डिएक अरेस्ट (दिल का दौरा) आया था. नवंबर 2017 में जज लोया की मौत के हालात पर उनकी बहन ने शक जाहिर किया. जज लोया कि बहन के मुताबिक, उनकी मौत नैचुरल नहीं थी. इसके तार सोहराबुद्दीन एनकाउंटर से जोड़े गए. जिसके बाद यह केस मीडिया की सुर्खियां बना.

इन लोगों ने दायर की थी याचिकाएं

मीडिया में मामला आने के बाद जज लोया की मौत की दोबारा जांच की मांग उठने लगे. इसके बाद तत्कालीन कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला, पत्रकार बीएस लोने, बांबे लॉयर्स एसोसिएशन सहित अन्य लोगों ने अदालत में याचिकाएं दायर की. इन याचिकाओं में जज लोया की मौत की निष्पक्ष जांच की मांग की गई थी. 16 मार्च को इन याचिकाओं पर सुनवाई पूरी हुई थी. सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस ए.एम. खानविल्कर ने फैसला सुनाया.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button