मुख्यमंत्री ने योजनाओं की जमीनी हकीकत परखा: अधिकारियों को दी सख्त चेतावनी

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। जिले के शांत और हरियाली से लिपटे बैगा बाहुल्य ग्राम चुकतीपानी की सुबह कुछ खास थी, लेकिन किसी को अंदाज़ा नहीं था कि यह दिन उनकी जिंदगी की यादों में दर्ज हो जाएगा। बिना किसी पूर्व सूचना के, अचानक आसमान से एक हेलीकॉप्टर उतरा और उसमें से निकले खुद मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय।
गांव वालों ने जब देखा कि प्रदेश का मुखिया उनके बीच है, तो हैरानी से पहले कुछ पल ठहर गए – फिर जैसे गांव की आत्मा जाग गई। गुलमोहर की माला, तेंदू फल की टोकरी और फूल-पत्तियों से बने पारंपरिक गुलदस्ते लेकर ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत किया। यह कोई औपचारिक कार्यक्रम नहीं था – यह था सरकार और जनता के बीच का जीवंत संवाद।
चुकतीपानी के मिडिल स्कूल परिसर में महुआ के पेड़ के नीचे लगी चौपाल में मुख्यमंत्री ने गांववालों से सीधे कहा – “फाइलों से नहीं, आपकी आंखों से जानना चाहता हूं कि सरकार कैसी चल रही है। जो भी कहना है, खुलकर कहिए।”
चौपाल के दौरान जब उनकी नजर गांव की ओवरफ्लो हो रही पानी की टंकी पर पड़ी, तो वे नाराज हो उठे। उन्होंने पीएचई विभाग के सब इंजीनियर को सख्त लहजे में फटकारते हुए चेताया – “या तो ठीक से काम करो, नहीं तो निलंबन झेलो।”
महिलाओं ने बताया कि वे महतारी वंदन योजना से मिली राशि से स्व-सहायता समूह बनाकर जैविक खेती कर रही हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को खुद के उगाए वर्मी कम्पोस्ट से पैदा की गई लाल भाजी भी भेंट की। मुख्यमंत्री ने मुस्कुराते हुए उसे स्वीकार किया और कहा, “यही असली समृद्धि है – मेहनत, मिट्टी और मातृशक्ति का संगम।”
ग्रामीणों की मांग पर मुख्यमंत्री ने मिडिल स्कूल भवन की मरम्मत और स्कूल मैदान को मिनी स्टेडियम के रूप में विकसित करने की घोषणा की। साथ ही बताया कि गांव के लिए 179 प्रधानमंत्री आवास मंजूर किए जा चुके हैं, ताकि हर जरूरतमंद को अपना घर मिल सके।
इस अप्रत्याशित दौरे ने यह साफ कर दिया कि सरकार अब ‘दूर से शासन’ नहीं कर रही, बल्कि गांव की धूल, पसीने और उम्मीदों के बीच चलकर सुशासन को जी रही है।
मुख्यमंत्री के साथ इस दौरे में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, और सचिव श्री पी. दयानंद भी उपस्थित रहे। ग्रामीणों की बड़ी उपस्थिति इस बात का प्रमाण थी कि जब सरकार ज़मीन पर उतरती है, तो भरोसे की फसल लहलहाती है।