मयंक यादव ने बताई तेज गेंदबाजी और फिटनेस का राज
खेल। लखनऊ सुपर जायंट्स के तेज गेंदबाज मयंक यादव अपने आईपीएल डेब्यू में पेस के कारण चर्चा में आए। पंजाब किंग्स के खिलाफ पहले मैच में 155 दशमलव 6 किलोमीटर प्रति घंटा से सीजन की सबसे फास्ट बॉल थी, जिसे उन्होंने ही दूसरे मुकाबले में आरसीबी के खिलाफ 156 दशमलव 7 की स्पीड के साथ तोड़ दिया। मयंक यादव ने अपनी तेज गेंदबाजी और फिटनेस का राज बताया। यादव ने कहा, इंडियन फास्ट बॉलर्स की बिल्ड बड़ी नहीं होती, जबकि विदेशी बॉलर्स की बिल्ड बेहतर होती है,और इस कारण उनका पेस आता है। भारतीय प्लेयर्स का पेस बेहतरीन तकनीक से आता है, आपको फास्ट बॉल फेंकने के लिए रनअप, रिस्ट पोजीशन और रिस्ट फ्लिक पर बहुत ध्यान देना होगा। वहीं, फिटनेस में डाइट और जिम के अलावा सबसे जरूरी नींद है। बेहतर नींद से फिटनेस पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। मयंक ने बताया कि उनके प्रोफेशनल करियर की शुरुआत अंडर-19 कूच बिहार ट्रॉफी से हुई, इसके लिए उन्होंने दसवीं क्लास से नाम कटवा लिया था। मयंक ने इस दौरान 4 मैच खेले और कुल 19 विकेट लिए। शुरुआत में मयंक सिर्फ 2 बॉल डालते थे, यॉर्कर या बाउंसर। इस कारण उन्हें कूच बिहार के मुकाबलों में भी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। मयंक ने बताया कि, पहले मुकाबले के पहले स्पैल की शुरुआत में मैने यॉर्कर और बाउंसर फेंकी। मुझे नहीं पता था कि लेंथ बॉल कैसे फेंकते है। बैटर बाउंसर को मिस कर रहे थे, वहीं,लेंथ बॉल को भी अच्छे से खेल रहे थे। दूसरा मैच बेहतर रहा, मैने लेंथ बॉल फेंकी और विकेट मिलते चले गए। मयंक बोले, दिल्ली से खेलने के बाद मैने 7 आईपीएल टीमों के लिए ट्रायल दिया। मेरे दिए सभी ट्रायल अच्छे थे, लेकिन बेस्ट सीएसो और दिल्ली के ट्रायल रहे, मैने टी 20 की डिमांड को पूरा किया।ऑक्शन लिस्ट में मेरा नाम बाद में आया, मुझे लगा कि इन दोनों टीमों में से कोई शामिल करेगा। नाम आते ही मुझे किसी ने पिक नहीं किया और मैं अनसोल्ड रहा। ऑक्शन के सेकंड राउंड में फिर नाम आया और मुझे सिलेक्ट कर लिया गया। पहले राउंड के बाद इतना निराश था कि, दूसरा राउंड ठीक से देखा ही नही। मुझे 1 घंटे तक यही नहीं पता चला कि किस टीम ने सिलेक्ट किया।