विधायक पूजा पाल का खुलासा, दूसरी शादी धोखे से करवाई गई, सपा से निष्कासन के बाद लगाए बड़े आरोप

सपा से निष्कासित विधायक पूजा पाल ने अपनी दूसरी शादी को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि उनके साथ षड्यंत्र कर धोखे में विवाह कराया गया ताकि उनका राजनीतिक करियर खत्म हो जाए और अतीक अहमद के खिलाफ मुकदमा कमजोर हो जाए।
विधायक पूजा पाल का चौंकाने वाला दावा, बोलीं- मेरी दूसरी शादी षड्यंत्र के तहत करवाई गई लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में विधायक पूजा पाल इन दिनों सुर्खियों में हैं। कौशांबी जिले की चायल सीट से समाजवादी पार्टी की पूर्व विधायक और हाल ही में सपा से निष्कासित की गईं पूजा पाल ने अपने निजी जीवन और राजनीतिक करियर को लेकर चौंकाने वाले दावे किए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लंबा पोस्ट लिखते हुए आरोप लगाया कि उनकी दूसरी शादी एक साजिश के तहत करवाई गई थी।
षड्यंत्र का आरोप
पूजा पाल ने लिखा कि वर्ष 2017 में जब वे चुनाव हार गईं तो उसी दौरान उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा गया। इसमें अतीक अहमद और उनके परिवार के कुछ लोग भी शामिल थे। पूजा के अनुसार, इस साजिश का मकसद था कि वे राजनीतिक रूप से कमजोर हो जाएं और अपने दिवंगत पति राजू पाल का मुकदमा आगे न लड़ सकें।
उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खुद के रिश्तेदार भी इस षड्यंत्र में शामिल थे। उन्होंने लिखा,“मेरे परिवार के लोगों ने ही कहा कि आप विवाह कर लीजिए, हम आपके साथ हैं। लेकिन विवाह के कुछ समय बाद मुझे सच्चाई का पता चला कि यह सब मुझे कमजोर करने और अतीक अहमद के मामलों को समाप्त कराने की साजिश थी।”
कोर्ट में दी अर्जी
पूजा पाल ने आगे बताया कि जब उन्हें इस साजिश का पता चला तो उन्होंने इसका विरोध किया और कोर्ट के माध्यम से विवाह विच्छेद के लिए अर्जी भी दायर की। उनका कहना है कि यह षड्यंत्र सिर्फ उनकी छवि धूमिल करने और उन्हें राजनीतिक रूप से खत्म करने के लिए रचा गया था।
जनता का समर्थन
अपने पोस्ट में पूजा ने लिखा,
“चायल और इलाहाबाद पश्चिमी की जनता को मेरी तकलीफ का पूरा अंदाजा है। मैंने विधानसभा में भी सच बोला था और जनता मेरे साथ खड़ी रही। यही कारण है कि आज भी समाजवादी पार्टी के कुछ लोग मेरी छवि खराब करने के लिए चालबाजियां कर रहे हैं।” हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद पूजा पाल ने राजनीतिक हलचल और तेज कर दी है। अब उनके इस निजी खुलासे के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में सियासी हलचल और बढ़ना तय है।




