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रायपुर के MMI को कौन हथियाना चाहता है ? हजारों करोड़ की संपत्ति वाले अस्पताल को लेकर गहराया विवाद

रायपुर, हजारों करोड़ की संपत्ति वाले मॉडर्न मेडिकल इंस्टिट्यूट (एमएमआइ) रायपुर के सदस्यों में अध्यक्ष पद को लेकर विवाद गहरा होता जा रहा है. अस्पताल के संस्थापक और वैधानिक सदस्य प्रदीप गुप्ता की ओर से एक पत्र जारी कर बताया है कि जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने के लिए अस्पताल का लोकार्पण 1995 में किया गया था ।

उन्होने बताया कि साल 2007 में संस्था के संविधान में गैर कानूनी ढंग से संशोधन कर अन्य लोगों को भी सदस्य बनाया गया। इसके विरुद्ध संस्थापक सदस्य हरक जैन इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय गए, जहां से 21 जुलाई, 2020 को संस्थापक सदस्यों को मान्यता दे दी गई।

इसके आधार पर बाद में जो सदस्य बने थे उन सभी की मान्यता खत्म हो गई । साथ ही उनके द्वारा चुने गए अध्यक्ष की मान्यता भी खत्म हो गई । गुप्ता ने बताया कि 11 मूल सदस्यों में से वर्तमान में आठ सदस्य ही रह गए हैं । आठ सदस्यों में सात एक साथ हैं, जबकि एक सदस्य, जो 21 जुलाई से गैर संविधानिक सदस्यों द्वारा अध्यक्ष चुने गए थे, वे इस पद पर नहीं हैं ।

उन्होने बताया कि न्यायालय के निर्देश के बाद तथाकथित अध्यक्ष को सातों सदस्यों ने संस्था का चार्ज देने के लिए कहा, लेकिन उनकी ओर से इसपर कोई जवाब नहीं आया गुप्ता ने बताया कि प्रशासन को जानकारी देने के बाद 29 जुलाई को छह सदस्य एमएमआइ कार्यालय में अवैध सदस्यों द्वारा लगाए गए ताले को तोड़कर कानूनी प्रक्रिया के तहत आधिपत्य लिया ।

उन्होने ये भी बताया कि पूरी प्रक्रिया प्रशासन की देखरेख में हुई, लेकिन संस्थापक सदस्यों को एक न्यूज चैनल में भ्रामक खबर देकर डकैत, कब्जा करने वाला और हाईजैक जैसे शब्दों से संबोधित किया जा रहा है. सदस्यों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भी आभार जताया है.

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