छत्तीसगढ़बीजापुर

माओवादियों ने , आदिवासी क्षेत्रों में की विकास की मांग

  • छत्तीसगढ़ में 15 साल बाद सत्ता बदली है. सरकार बदलने के बाद अब माओवादियों के सुर भी बदल रहे हैं. तीन दशक से भी अधिक समय से प्रदेश में हिंसात्मक घटनाओं को अंजाम दे रहे माओवादी अब विकास की बात करने का दावा कर रहे हैं. इसके लिए माओवादियों की ओर से एक कथित प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है. इस विज्ञप्ति में आदिवासी क्षेत्रों में विकास की गुहार सरकार से लगाई गई है.
  • बीजापुर में सक्रिया माओवादियों के पामेड़ एरिया कमेटी की ओर से कथित विज्ञप्ति जारी कर 17 सूत्रीय मांग की गई है. इसमें माओवादियों ने सरकार से पिछड़े इलाकों का विकास करने की बात कही है. अपने आधार के इलाके में माओवादियों ने सरकार से आश्रम, अस्पताल और स्कूल बनाने की मांग की है. इसके साथ ही इन अस्पताल और स्कूलों में पर्याप्त संख्या में डॉक्टर और शिक्षकों की नियुक्ति की मांग भी की है.
  • माओवादियों की जारी कथित विज्ञप्ति में युक्ति युक्तकरण के तहत राज्य भर में बंद किये गए 3000 स्कूलों को पुनः चालू करने की मांग सरकार से की है. इसके अलावा स्कूल कालेजों में विषयवार शिक्षकों के नियुक्ति की मांग भी उठाई है. इसके साथ ही महिला सुरक्षा कानून पारित करने और संविदा कर्मी का वेतन बढ़ाने और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को समान काम समान वेतन देने सरकार से मांग की गई है. माओवादियों की जारी कथित विज्ञप्ति में वनोपज का समर्थन मूल्य निर्धारित करने के साथ ही सरकार द्वारा बन्द किये गए महुआ और गोंद की खरीदी पुनः शुरू करने की बात भी कही गई है.
  • बीजापुर एसपी मोहित गर्ग ने कहा कि इस वि​ज्ञप्ति को दो तरीके से देखा जाना चाहिए. एक तो ये अच्छी बात है कि नक्सली विकास करने की बात कह रहे हैं. ऐसे में उन्हें आत्मसर्पण कर मुख्यधारा में जुड़ना चाहिए. दूसरा पहलू अगर देखें तो पिछले कुछ सालों में माओवादी लगातार बैकफूट पर हैं. आदिवासियों के बीच उनका समर्थन लगातार कम हो रहा है. इसलिए वे इस तरह की विज्ञप्ति जारी कर वे एक साजिश के तहत आदिवासियों का समर्थन लेना चाहते हैं. हालांकि एक ओर जब ये कथित विज्ञप्ति बीजापुर में जारी की गई है, उसी समय सुकमा में लगातार निर्माण कार्य में लगे वाहनों में आगजनी कर रहे हैं.

https://www.youtube.com/watch?v=EZUNmiVE4uE&t=22s

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